Jhunjhunu: फर्जी दस्तावेजों से फर्जी फर्म बनाकर जीएसटी क्रेडिट इनपुट के फर्जीवाड़े के खेल का स्टेट जीएसटी टीम ने खुलासा किया है. इस फर्जी फर्म ने दो माह में 3 .66 करोड़ का फर्जी टर्नओवर दिखा 39 लाख का बोगस क्रेडिट इनपुट दिया हैं .जिस पत्ते पर इस फर्म को दिखाया गया वहां स्टेट जीएसटी टीम को दो कमरों का मकान मिला.


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स्टेट जीएसटी टीम ने पोर्टल पर जांच के दौरान बलरिया गांव में पंजीकृत फर्म एम . एस इंटरप्राइजेज का लेनदेन संदिग्ध पाए जाने पर गहनता से जांच की तो पाया की एक पैन नंबर पर दो और फर्म बलरिया गांव में पंजीकृत है .इसके बाद स्टेट जीएसटी टीम सहायक आयुक्त सुनील जानू के नेतृत्व में बलरिया गांव में फर्म के पत्ते पर पहुंची तो वहां स्टेट जीएसटी टीम को मोहनलाल का आवासीय मकान मिला.



इस मकान के पत्ते पर तीन फर्म पंजीकृत होने की बात सुनकर मोहनलाल सन्न रह गया . स्टेट जीएसटी टीम को मोहनलाल ने बताया कि कुछ महीने पहले फेसबुक पर दिल्ली के एक व्यक्ति से उसकी जान पहचान हुई थी तब उस व्यक्ति ने एयरपोर्ट पर नौकरी दिलवाने के लिए व्हाट्सएप पर आधार कार्ड, पैन कार्ड, घर के बिजली का बिल के फोटो मंगवाए थे उसके बाद उसे कोई नौकरी नहीं लगवाई गई और लगातार झांसा से देता रहा .


 तीन फर्मों को अप्रैल 2023 में पंजीकृत करवाया


सहायक आयुक्त सुनील जानू ने बताया कि बलरिया गांव में एक पत्ते पर तीन फर्मों को अप्रैल 2023 में पंजीकृत करवा लिया गया था .इनमें से एक फर्म मैसर्स एम .एस इंटरप्राइजेज में अप्रैल व जुलाई के दो महीना में ही करीब 3.66 करोड रुपए का फर्जी टर्नओवर दिखा कर 39 लाख रुपए की बोगस इनपुट क्रेडिट गुजरात के व्यापारियों को पास किया गया है.


टीम ने कार्रवाई करते हुए तीनों फार्मो के पंजीयन निरस्त कर दिए हैं. इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजी गई है गुजरात की जिन फर्मों को बोगस इनपुट क्रेडिट दिया गया है उनके क्षेत्राधिकारियों को कार्रवाई कर राजस्व वसूली सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखा गया है.


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