Pilani: जब पापा ने सपना देखा कि आर्मी ज्वाइन कर देश की सुरक्षा करें. सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में भी पढ़े, लेकिन देश सेवा का अपना सपना पूरा नहीं कर पाए और इस बेटी ने अपने पिता का देखा हुआ सपना पूरा किया. वायुसेना में फ्लाईंग आफिसर के पद पर ज्वाइन करके झुंझुनूं के कुलहरियों का बास की बेटी कृतिका कुलहरि ने अपने पिता का सपना पूरा किया है. साथ ही साबित किया है कि बेटियां किसी मायने में कम नहीं है क्योंकि अब परिवार में भी देश सेवा में बेटों के बराबर बेटियां पहुंच गई है. कुलहरि परिवार के दो बेटे जहां नेवी से रिटायर होकर देश सेवा करके आ गए हैं तो वहीं दो बेटियां थल सेना और वायु सेना में अपनी सेवाएं देकर पूरे गांव को ही नहीं, बल्कि क्षेत्र को गौरवान्वित कर रही है. 


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यह वायुसेना में कार्यरत फ्लाईंग आफिसर कृतिका कुलहरि की. कृतिका के पिता रामावतार कुलहरि चाहते थे कि वे सेना में जाए, लेकिन वह ज्वाइन नहीं कर पाए. इसके बाद पिता का यह सपना पूरा लाडली बिटिया कृतिका ने किया. फ्लाईंग आफिसर बनने के बाद पहली बार गांव आई कृतिका का डीजे बजाकर खुली जीप में घर तक ले जाकर किया गया, जिससे कृतिका अभिभूत नजर आई. कृतिका ने बताया कि उन्हें खुशी है कि गांव के लोग उनका सम्मान कर रहे हैं. जब हर कोई पूछता है कि आप कहां पोस्टेड हो, तो बेहद खुशी होती है कि मैं भी इंडियन फोर्सेज का हिस्सा हूं. 


कृतिका ने बताया कि पूर्व में भी वह कई बार गांव आई हैं, लेकिन इस सफलता के बाद गांव आने पर काफी अच्छा लग रहा है. आपको बता दें कि पहले कृतिका ने एनसीसी के तहत भारतीय स्थल सेना में भी एंट्री की. उन्होंने एनसीसी के तहत हुई चयन प्रक्रिया में पूरे इंडिया में पहला स्थान प्राप्त किया और सेना में शामिल होकर ट्रेनिंग करने चैन्नई चली गई, लेकिन उसका मन वायुसेना में जाने का था. दो महीने बाद ही जब उसका चयन वायु सेना में हुआ तो उसने स्थल सेना से वायु सेना की ओर मूव कर दिया. इससे पहले कृतिका ने क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बेंगलुरू से क्लिनिकल साइकोलॉजी से पीजी करने के बाद उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (एनआईएमएचएएनएस) में 6 महीने की सर्विस भी की.


कृतिका इस उपलब्धि पर सबसे ज्यादा खुशी उनके पिता रामावतार कुलहरि और उनकी मां डॉ. विजय लक्ष्मी कुलहरि को हुई. उनकी मां डॉ. विजय लक्ष्मी कुलहरि ने बताया कि बच्चे जब सफल होते है तो मां बाप को बहुत अच्छा लगता है. बच्चे भी, जिस तरह का माहौल् होता है. उसमें खुद को ढालने की कोशिश करते हैं. उसी में कृतिका कामयाब हुई. उनके बड़े पापा ख्यालीराम कुलहरि नेवी से रिटायर कमांडर है, तो उनके चाचा और बड़ी दीदी भी नेवी और थल सेना में कार्यरत है. 


पिता रामावतार कुलहरि ने बताया कि मेरी इच्छा थी कि मैं सेना में जाउं पर मौका नहीं मिला. ग्रेजुएशन के बाद से कृतिका ने मेरे सपने को अपना लिया और उसे पूरा करने के लिए कोशिश की. वह ना केवल आर्मी में सलेक्ट हुई. बाद में वायु सेना में भी फ्लाईंग आफिसर बनी, जिससे उसने साबित किया है कि लड़कियां किसी भी मायने में लड़कों से कम नहीं हैं. अब कृतिका का भाई सौम्य भी वायु सेना में जाने की तैयारी कर रहा है.


कृतिका के गांव पहुंचने पर गांव के लोगों ने जोरदार स्वागत किया. महिलाओं न डीजे के सामने ठुमके लगाए तो गांव के मंदिरों में सबसे पहले कृतिका ने धोक लगाकर भगवान को शुक्रिया अदा किया. इसके बाद कृतिका को खुली जीप में डीजे की धुन के साथ गांव से घर तक ले जाया गया, जहां पर भी ग्रामीणों ने कृतिका का जोरदार स्वागत किया. इस मौके पर कृतिका के बड़े पापा और नेवी से कमांडर के पद पर रिटायर ख्यालीराम कुलहरि तथा चाचा नेवी से रिटायर सुमेर कुलहरि ने बताया कि हमें गर्व है कि हमारी दूसरी पीढ़ी में बेटियां हमारी देश सेवा की परंपरा को आगे बढ़ा रहा है. पहले ख्यालीराम की बेटी कंचन कुलहरि थल सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल बनीं और अब कृतिका वायुसेना में फ्लाईंग आफिसर बनी है. उन्होंने बताया कि बेटे-बेटियों में हमने कभी फर्क नहीं समझा, इसलिए बेटियां देश की फोर्सेज में पूरी लगन और ईमानदारी से सेवाएं दे रही हैं.


झुंझुनूं जिले के पिलानी के समीप कुलहरियों का बास निवासी किसान बहादुर सिंह, मीकोदेवी की पोती और गुरूग्राम में मारूति सुजूकी में डीजीएम आईटी रामावतार, डॉ. विजयलक्ष्मी कुलहरि की बेटी कृतिका कुलहरि ने वायु सेना में फ्लाईंग आफिसर बनकर ना केवल अपने और पिता के सपनों को उड़ान दी है बल्कि बेटियों के लिए एक मिसाल भी पेश की हैं. हैदराबाद स्थित भारतीय वायु सेना अकादमी डूंडीगल में संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) के अंतर्गत ग्राउंड ड्यूटी ब्रांच में प्रथम पुरस्कार रूप में प्रेसिडेंट्स प्लैक अवार्ड से भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के हाथों सम्मानित होकर कृतिका को खुशी मिली थी. 


कृतिका ने ट्रेनिंग में भी अपना बेस्ट देकर अवार्ड प्राप्त किया है. रामावतार कुलहरि के मुताबिक कृतिका अपने गांव और पास पड़ौस के इलाके की वह प्रथम महिला हैं, जिन्होंने वायु सेना में अधिकारी पद प्राप्त किया है. रामावतार कुलहरि ने बताया कि उनके बड़े भाई केआर कुलहरि नेवी में कमांडर थे, तो वहीं उनके छोटे भाई सुमेरसिंह भी नेवी में ही कार्यरत थे. दोनों भाई फिलहाल रिटायर हो गए हैं. वहीं उनके भाई केआर कुलहरि की बेटी डॉ. कंचन कुलहरि आर्मी में सेवाएं दे रही हैं. कृतिका का भाई सौम्य कुलहरि फिलहाल देहरादून में पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी से बीटेक कंप्यूटर की पढ़ाई कर रहा है. आपको बता दें कि कृतिका और सौम्य, दो भाई बहन है.


Reporter: Sandeep Kedia


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