Jhunjhunu: शेयर मार्केट के किंग और इंडिया के वॉरेन बफेट कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला का रविवार को निधन हो गया. झुनझुनवाला का परिवार मूलतः झुंझुनू जिले के मलसीसर गांव का रहने वाला था. मलसीसर गांव में उनकी पुश्तैनी हवेली थी, जहां अब एक मार्केट बन चुका है.


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स्थानीय लोगों ने बताया कि राकेश झुनझुनवाला कभी मलसीसर नहीं आए. मलसीसर से उनके पूर्वज व्यापार करने के लिए कानपुर चले गए थे. पूर्वजों के बाहर रहने के कारण राकेश झुनझुनवाला का मलसीसर से कोई लगाव नहीं रहा. बताया जाता है कि वो पूर्वजों की जन्मस्थली के लिए कुछ करना चाहते थे. उनकी और उनके परिवार की राणी सती मंदिर से गहरी आस्था थी.


उनका परिवार राणीसती मंदिर में बच्चों के जात जडूले उतारने आता रहता था. राकेश झुनझुनवाला की राणी सती में गहरी आस्था के चलते वे अपनी अकाशा एयरलाइंस कि झुंझुनू में पूजा करवाना चाहते थे, मगर हवाई पट्टी का रनवे छोटा होने के कारण यह संभव नहीं हो सका.


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राकेश झुनझुनवाला 2009 में झुंझुनू राणी सती मंदिर में आए थे और राणी सती का दर्शन किए थे. मलसीसर के जीएल शर्मा ने बताया करीब 30 साल पहले राष्ट्रीयकृत कंपनियों का विनिवेश शुरू हुआ, तब राकेश झुनझुनवाला ने शेयर बाजार में भाग्य आजमाया. 


सीए बनने के बाद झुनझुनवाला करते थे जॉब 


सीए करने के बाद राकेश झुनझुनवाला जॉब कर रहे थे. शुरुआत में झुनझुनूवाला के पास में 5000 हजार रुपये थे, उसी से इन्होंने शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट किया. झुनझुनूवाला के दिमाग में ब्लॉक बुकिंग के आइडिया से शेयर की पहचान करते हुए शेयरों की खरीदारी में जुटे. उन्होंने जिन कंपनियों के शेयर खरीदे, उनके दाम बढ़े. 1997 के बाद वह लगातार शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट करते रहे.


राकेश झुनझुनवाला के पिता का जन्म मलसीसर गांव में हुआ. वह इनकम टैक्स में आईएआरएस पोस्ट पर मुंबई में रहे, उसके बाद हैदराबाद ट्रांसफर हो गया. वहां वह असिस्टेंट कमिश्नर रहे, फिर मुंबई दोबारा वापस डायरेक्टर इंटेलिजेंस की पोस्ट पर आये. नेपेंसी रोड पर राकेश झुनझुनवाला के पिता का मकान था. सिल्वर किंग मोतीलाल के परिवार से भी इनका गहरा नाता रहा है. 


गरीब बच्चों के लिए झुनझुनवाला देते थे आर्थिक मदद 


जीएल शर्मा ने बताया कि करीब 2 साल पहले राकेश झुनझुनवाला से मलसीसर को लेकर बातचीत हुई थी. राकेश झुनझुनवाला ने कहा था कि एक बार व्यापार संगठित कर लें, उसके बाद पूर्वजों की जन्मस्थली पर भी ध्यान देंगे. झुंझुनू के मोतीलाल ग्रुप की न्यू मुंबई में सेठ मोतीलाल कॉलेज स्थापित है. इस कॉलेज में सेठ मोतीलाल आर्ट्स कॉलेज , सेठ मोतीलाल कॉमर्स कॉलेज और सेठ मोतीलाल साइंस कॉलेज. उस कॉलेज में गरीब बच्चों की 40 प्रतिशत संख्या पर राकेश झुनझुनवाला लाखों रुपये की आर्थिक मदद करते थे.


राकेश झुनझुनवाला के छोटे भाई राजेश झुनझुनवाला इन कॉलेजों को काम देखते हैं. झुनझुनवाला पिछले कुछ दिनों से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे. उन्होंने अपनी एयरलाइंस को शुरू करने को लेकर डॉक्टर की सलाह से अस्पताल से छुट्टी ली. जीएल शर्मा के निवेदन के बाद उनका रुख मलसीसर की ओर हुआ, मगर अफसोस कि वह अपने पूर्वजों की जन्मस्थली नहीं आ पाए. 


Reporter- Sandeep Kedia


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