Khetri: विवेकानंद पर डाक विभाग ने जारी किया टिकट, स्कूली बच्चों से करेंगे नवाचार
भारतीय डाक विभाग के जरिए भारत की महान विभूतियों पर समय-समय पर डाक टिकट जारी कर भारत सरकार उन्हें सम्मान देती है, लेकिन देश की एक महान हस्ती ऐसी भी हैं,जिन्हें भारत में तो यह सम्मान मिला ही है.
Khetri News: भारतीय डाक विभाग के जरिए भारत की महान विभूतियों पर समय-समय पर डाक टिकट जारी कर भारत सरकार उन्हें सम्मान देती है, लेकिन देश की एक महान हस्ती ऐसी भी हैं,जिन्हें भारत में तो यह सम्मान मिला ही है. इसके साथ अन्य देशों ने भी उनके नाम पर डाक टिकट जारी कर उन्हें सम्मान दिया है.
बता दें कि भारतीय डाक दिवस पर विशेष यूथ आइकन कहे जाने वाले स्वामी विवेकानंद को खेतड़ी नरेश राजा अजीत सिंह ने नरेंद्रनाथ दत्त से विवेकानंद बनाया और शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में भेजकर दोनों ने सनातन धर्म का परचम लहराया. 1997-98 में स्वामी विवेकानंद के शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन से लौटने की 100वीं वर्षगांठ मनाई गई. तब भारतीय डाक विभाग ने उनके नाम से डाक टिकट जारी किए और उसके बाद कई बार उनके नाम से भारत सरकार द्वारा डाक टिकट जारी किए गए.
भारतीय डाक विभाग, भारत सरकार के जरिए देश की महान व्यक्तियों के नाम से डाक टिकट जारी किए हैं. जिसमें महात्मा गांधी, सरदार बल्लभ भाई पटेल, राजीव गांधी ,इंदिरा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस जैसे कई ऐसे देश की महान हस्तियां हैं. भारत में तो उनके नाम पर डाक टिकट जारी हो चुके हैं.
भारत के बाद विदेशों में भी उनके नाम का डंका आज भी बज रहा है. 1997-98 में शिकागो में भाषण देने के बाद से ही विदेशों में उनके नाम की चर्चाएं होने लगी थी. वह तत्कालीन समय में विदेशी मीडिया के स्टार बन गए थे. इसी प्रसिद्धि के कारण 1997 में श्रीलंका की राजधानी कोलंबो के शिकागो में स्वामी विवेकानंद के जरिए दिए गए भाषण की 100वीं वर्षगांठ मनाते हुए उनके नाम से डाक टिकट जारी किया. वहीं सर्बिया ने भी इसमें अपनी भागीदारी निभाई और भारतीय डाक विभाग के साथ मिलकर स्वामी विवेकानंद के नाम से डाक टिकट जारी कर उनको यूथ आइकन का दर्जा दिया.
डाक विभाग से पहले खेतड़ी नरेश ने जारी कर दी थी स्मारक टिकट
डाक विभाग की स्थापना से पूर्व की खेतड़ी नरेश राजा अजीत सिंह ने इंग्लैंड में स्वामी विवेकानंद की फोटो की डाक टिकट मुद्रित करवा कर जारी कर दी थी. स्वामी विवेकानंद विदेशों से खेतड़ी नरेश राजा अजीत सिंह व अपने अन्य मित्रों के साथ पत्र व्यवहार करते थे. तो सभी पत्र पहले खेतड़ी आया करते थे और कई पत्रों पर उनकी फोटो लगी मेमोरी टिकट होती थी. जिसे विवेकानंद के सिग्नेचर के रूप में माना जाता था.
स्कूली बच्चों के साथ कर रहा है नवाचार
आने वाला नया भारत कैसा होगा. इसको लेकर भारत सरकार और डाक विभाग स्कूली बच्चों के जरिए नवाचार कर रहा हैं 2047 में नया भारत कैसा दिखाई देगा. इसको लेकर डाक विभाग में स्कूली बच्चों की अलग-अलग आयु वर्ग की निबंध प्रतियोगिता का आयोजन करवा रहा है. जिसको लेकर प्रचार प्रसार डाक विभाग ने शुरू कर दिया है. राज्य स्तर पर राष्ट्रीय स्तर पर विद्यार्थियों को नगद इनाम भी दिया जाएगा. खेतड़ी पोस्ट ऑफिस के पोस्टमास्टर सत्येंद्र सिंह ने बताया कि डाक विभाग द्वारा पिछले 15 दिनों से स्कूली बच्चों के निबंध प्रतियोगिता आयोजित कर रखी है. जिसमें 2047 के नए भारत के निर्माण को लेकर नवाचार के जरिए बच्चों के इनोवेटिव आइडिया लिए जा रहे हैं. जिसके लिए अलग-अलग आयु वर्ग की निबंध प्रतियोगिता करवाई जा रही है. राज्य स्तर पर बच्चों को नगद पुरस्कार मिलेगा. वहीं राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतियोगिता जीतने वाले विद्यार्थियों को नगद पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया जाएगा.
Reporter: Sandeep kedia
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