Jodhpur: बच्चों से लेकर बड़ों तक में आत्म सुरक्षा का भाव भरने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हुए ताइक्वांडो में जोधपुर की 9 प्रतिभाओं ने नियमानुसार परीक्षा पास करते हुए ब्लैक बेल्ट हासिल किया है. जिसमें सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षक अजीत सिंह ने दूसरी बार और 8 अन्य प्रतिभाओं ने पहली बार ब्लैक बेल्ट हासिल किया है. जोधपुर डिस्ट्रिक्ट ताइक्वांडो एसोसिएशन के अध्यक्ष हुकम सिंह और ताइक्वांडो कोच मंगल सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए यह जानकारी दी है. 


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साथ ही उन्होंने बताया कि राजधानी जयपुर में राजस्थान ताइक्वांडो एसोसिएशन की ओर से आयोजित हुई परीक्षा में जोधपुर की इन प्रतिभाओं ने निर्धारित परीक्षा को पास करने के बाद ब्लैक बेल्ट प्राप्त किया है. ऑल इंडिया ताइक्वांडो एसोसिएशन की ओर से ताइक्वांडो में छह बार ब्लैक बेल्ट हासिल करने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर के रैफरी और दिल्ली पुलिस के प्रशिक्षक समान सिंह नरूका के अलावा 6 बार ताइक्वांडो ब्लैक बेल्ट हासिल कर चुके. 


अंतरराष्ट्रीय रेफरी सुरजीत सिंह ने नियमानुसार परीक्षार्थियों की परीक्षा ली. संवाददाताओं को जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न चरणों को पार करने के बाद परीक्षा में पास होने के पश्चात ही ब्लैक बेल्ट हासिल हो पाता है. दूसरी बार ब्लैक बेल्ट हासिल करने वाले सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षक अजीत सिंह राठौड़ पिछले 45 सालों से रोलर स्केटिंग के अलावा नानचाकू और एडवेंचर गतिविधियों से जुड़े होने के साथ-साथ एडवेंचर स्पोर्ट्स संस्थान के सचिव भी है. पहली बार ब्लैक बेल्ट हासिल करने वाली डॉक्टर सारिका नागर कराटे में भी ब्लैक बेल्ट है और सेल्फ डिफेंस में डिप्लोमा कर रखा है. 


पहली बार ब्लैक बेल्ट हासिल करने वाले कुणाल चौहान ताइक्वांडो में रैफरी के रूप में सेवाएं देने के अलावा नेशनल चैंपियन भी है. इसी तरह जोधपुर के रवि, आकाश पंवार, गौरव सिंह, सुरेश पवार, मुस्कान और विकास चौधरी को पहली बार ब्लैक बेल्ट हासिल हुआ है. सेल्फ डिफेंस विशेषज्ञ और ब्लैक बेल्ट कोच मंगल सिंह ने बताया कि 3 महीने बाद कोरिया से सभी के प्रमाण पत्र आएंगे. 


दरअसल ताइक्वांडो एक कोरियाई मार्शल आर्ट है, जिसमें पंचिंग और किकिंग तकनीकों की विशेषता है, जिसमें सिर-ऊंचाई किक, जंपिंग स्पिनिंग किक और फास्ट किकिंग तकनीक पर जोर दिया जाता है. ताए क्वोन डू का शाब्दिक अनुवाद "लात मारना," "पंचिंग," और "कला या तरीका" है, यह एक मार्शल आर्ट है जो बिना किसी हथियार के कभी भी, कहीं भी हाथों और पैरों से हमला करता है या बचाव करता है और शारीरिक प्रशिक्षण का उद्देश्य महत्वपूर्ण है.


Reporter: Arun Harsh


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