Barmer: देश की आंतरिक सुरक्षा और सरहदी गांवो में पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली होमगार्ड में पहली बार सीमावर्ती बाड़मेर जिले में लड़कियों को मौका दिया जा रहा है. पहली बार होमगार्ड की भर्ती (Home Guard Recruitment) में लड़कियों को मौका दिए जाने पर बाड़मेर की बेटियों और महिलाओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. बाड़मेर में आयोजित हो रही भर्ती में बेटियों का जोश देखते ही बनता नजर आ रहा है.


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सरहदी बाड़मेर में तीन जिलों की अरबन होमगार्ड की भर्ती में पहली बार बाड़मेर की बेटियों को भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जा रहा है. जिला मुख्यालय के होमगार्ड परिसर में चल रही भर्ती में बेटियों का जोश दखते ही बन रहा है. इस प्रक्रिया से पहली बार रूबरू हो रही बेटिया अपना पूरा जोश और दमखम लगा रही हैं. अरबन होमगार्ड में अब तक बाड़मेर में पुरुषों का बोलबाला रहा है लेकिन जब पहली बार बेटियों को मौका दिया गया तो सैकड़ो की तादात में बेटियों ने ना केवल आवेदन किया बल्कि मैदान पर सभी मापदण्डों को पूरा भी किया.


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बाड़मेर की जमना परिहार और उमा चौधरी का कहना है कि उन्हें पहली बार मौका मिला है. इस बात की उन्हें खुशी है और उत्साह भी अपने परवान पर है. सरहदी बाड़मेर में अरबन होमगार्ड की भर्ती में अत्याधुनिक तकनीक का पहली बार उपयोग किया जा रहा है. होमगार्ड के कमांडेंट नवनीत जोशी ने बताया कि सेना भर्ती में अत्याधुनिक तकनीक (technologies) का उपयोग किया जाता है लेकिन पहली बार होमगार्ड के स्वयंसेवको की भर्ती में इसका उपयोग करने के साथ बेटियों को पुरुषों के बराबरी का हक देते हुए उन्हें भी खाकी में आने का अवसर दिया गया है. इस अवसर के लिए सैकड़ो की तादात में आवेदन आए, जिन्हें विभिन्न चरणों की परीक्षाओं से जांचा जा रहा है.


अब तलक बाड़मेर में अरबन होमगार्ड में केवल पुरुषों को ही मौका दिया जाता रहा है लेकिन पहली बार मिले अवसर को बेटिया भी नई शुरुआत के रूप में लेते हुए खुद को अलग-अलग पायदानों में सर्वश्रेष्ठ साबित करके इतिहास रचने जा रही है. बाड़मेर की बेटियों का यह जोश नए भारत की नई तस्वीर बनी नजर आ रही है.