Jodhpur: प्रदेश के सबसे बड़े दूसरे शहर जोधपुर में वैसे तो अवैध नियम विरुद्ध निर्माण की भरमार है. बिना अनुमति और नियम विरुद्ध निर्माण कर लोग ना केवल नगर पालिका अधिनियम का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि नगर निगम जेडीए (Jodhpur Development Authority) को लाखों का चूना भी लगा रहे हैं, लेकिन कोई सरकारी अधिकारी संस्थान भी नियम विरुद्ध निर्माण करे तो इसे क्या कहेंगे.
कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है लूणी पंचायत समिति (Luni Panchayat Samiti) में, जहाँ पर यहां बैठे जिम्मेदारों ने निगम से बिना अनुमति लिए परिसर में दुकानों (Shops) का निर्माण शुरू कर दिया. जब मामला सामने आया तो पार्षद घनश्याम भाटी (Ghanshyam Bhati) ने इसकी शिकायत महापौर व निगम अधिकारियों से की.


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जोधपुर नगर निगम (Jodhpur Municipal Corporation) दक्षिण एरिया में पाल रोड पर लूणी पंचायत समिति का भवन है. भवन में इन दिनों दुकानें बनाने का कार्य चल रहा है. क्षेत्र के लोगों और स्थानीय पार्षद को जब अवैध निर्माण की जानकारी हुई तो उन्होंने विरोध किया. दक्षिण नगर निगम के वार्ड नंबर 33 के पार्षद घनश्याम भाटी ने नगर निगम महापौर को ज्ञापन देकर इस काम को रुकवाने की गुहार लगाई. 


आने वाले दिनों में क्षेत्रवासी करेंगे आंदोलन 
नगर निगम पार्षद घनश्याम भाटी ने बताया कि लूणी पंचायत समिति भवन पहले से ही अपने मूल जमीन से करीब 35 फुट सड़क पर आया हुआ है और अब सीवरेज के नाम की परमिशन लेकर दुकानें बना रहा है और दुकानें बनाने की आड़ में सड़क को भी बंद कर दिया गया है, जिससे क्षेत्र का विकास भी रुक रहा है. वहीं, क्षेत्रवासियों ने भी प्रशासन (Administration) से अपील की है कि या तो समय रहते इस अवैध निर्माण कार्य को रोका जाए नहीं तो आने वाले दिनों में क्षेत्रवासी आंदोलन करेंगे.


की जाएगी आवश्यक कार्रवाई 
क्षेत्रवासियों की शिकायत को लेकर जब महापौर दक्षिण नगर निगम वनिता सेठ (Vanita Seth) से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने भी स्वीकार किया कि लूणी पंचायत समिति में बिना अनुमति के निर्माण कार्य हो रहा है और लोगों की शिकायत के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. 

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नगर निगम सीईओ ने क्या बताया 
वहीं, नगर निगम सीईओ अरुण कुमार पुरोहित (Arun Kumar Purohit) से जब इस मामले में बात की गई और पूछा गया कि क्या सरकारी विभाग बिना अनुमति के निर्माण कार्य करवा सकता है. तब उन्होंने बताया कि उन्हें इस नियम की जानकारी नहीं है कि सरकारी विभाग में निर्माण कार्य करवाने से पहले अनुमति लेना आवश्यक है या नहीं. फिलहाल उन्होने बताया कि वह इस मामले की जांच कर कार्रवाई करेंगे.


Report- अरुण हर्ष