Bhopalgarh: गायों में फैल रही लंबी स्किन बीमारी को लेकर आसोप कस्बे सहित क्षेत्र के गांवों और ढ़ाणियों में अनेक गौ-भक्त सामने आए हैं और तन-मन-धन से गायों की सेवा कर रहे हैं. गौ सेवकों ने आसोप में स्वयं की सोच और मेहनत से आइसोलेशन सेंटर स्थापित किया, जिसमें बीमार गाय को रखा जा रहा है और चारा पानी के साथ उनका निशुल्क उपचार करवाया जा रहा है.

 


 

लंपी स्किन डिजीज की बीमारी अब आसोप क्षेत्र में भी पैर पसार रही है. बीमारी से रोजाना आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है और बीमार गायों के अब गहरे घाव हो रहे हैं गहरे घाव में कीड़े पड़ रहे है. इस बीमारी को रोकने के लिए आसोप के गो सेवक आगे आए और उन्होंने वाचनालय परिसर में अस्थाई आइसोलेशन सेंटर स्थापित किया है.

 

इस सेंटर में कस्बे के मोहल्लों से पिकप गाड़ी द्वारा आवारा बीमार गायों को लाया जा रहा है. वाट्सएफ ग्रुप और मोबाइल पर सूचना मिलने के बाद गौ सेवक साधन लेकर उक्त स्थान पर पहुंचते हैं और बीमार आवारा गाय को उठाकर आइसोलेशन सेंटर में लाया जा रहा है. वहीं सरकारी डॉक्टर के सहयोग के साथ गौ सेवकों की ओर से निजी तौर पर गायों का इलाज करवाया जा रहा है. करीबन एक माह से गौ सेवक हर मोहल्लों में जाकर बीमार गायों का इलाज करवा रहे हैं. जगह-जगह काढ़ा और लापसी बनाकर बीमार गायों को खिलाते थे. कई बीमार गायों के गहरे घाव होने के कारण अब एक दिन पहले आइसोलेशन स्थापित कर बीमार गायों का इलाज करवा रहे हैं

 

गौ-सेवार्थ जागरण का हो रहा आयोजन

लम्पी स्कीन बीमारी को लेकर गांवों और ढ़ाणियों में लोग भजन संध्या और जागरणों का आयोजन कर गायों के लिए धन राशि का संग्रहन कर इलाज की व्यवस्था कर रहे हैं. भजन संध्या और जागरणों में गोसेवा में अग्रणी रहने वालों को ग्रामीणों द्वारा मोटिवेशन के तहत सम्मानित भी किया जाता है.

 

युवाओं ने संभाली कमान

लम्पी स्कीन बीमारी के मुकाबले के लिए ग्राम स्तर पर युवा आगे आए हैं और अधिकांश समितियों और ग्रुपों में युवाओं को भागीदार बनाया गया है. युवाओं की टीम कंधे से कंधा मिलाकर इस सेवा कार्य को अंजाम दे रहे हैं.

 

लाखों रुपयों की जुटाई सहायता राशि

ग्राम स्तर पर सरकार की ओर से भी इलाज की व्यवस्था की गई पर गौ-सेवार्थ लोग बढ़-चढ़ कर सहयोग कर रहे हैं और चन्दा दे रहे हैं. गोसेवा के नाम पर हो रही भजन संध्याओं में लाखों रुपये की राशि एकत्रित हो रही है. इस राशि को चारा, पशुआहार और इलाज हेतु गोसेवा में खर्च किया जा रहा है.

 

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