शेरगढ़ में पानी को तरस रहे दर्जनों गांव, दर-दर भटक रही महिलाएं
जोधपुर जिले के शेरगढ़ के दर्जनों गांवों में पानी की भयंकर किल्लत हो रही है. पानी की खपत ज्यादा हो रही है. वहीं, पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा है. दूरदराज के गांवों चुतरपूरा, लुंबासर, सुवालिया, भोम सागर, चाबा, गेनानगढ़, मीरपुरा, साबरसर सहित दर्जनों गांव में पानी की भयंकर समस्या बनी हुई हैं.
Shergarh: राजस्थान के जोधपुर जिले के शेरगढ़ के दर्जनों गांवों में पानी की भयंकर किल्लत हो रही है. पानी की खपत ज्यादा हो रही है. वहीं, पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा है. दूरदराज के गांवों चुतरपूरा, लुंबासर, सुवालिया, भोम सागर, चाबा, गेनानगढ़, मीरपुरा, साबरसर सहित दर्जनों गांव में पानी की भयंकर समस्या बनी हुई हैं. पशुधन पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं. वहीं, ग्रामीण महिलाएं सिर पर मटका लेकर 2 से 3 किलोमीटर दूरी से पानी लाने के लिए मजबूर हो रही है.
गर्मी में नहर में क्लोजर चलने के कारण भी पानी की आवक कम हो रही है और मुख्य लाइनों में अवैध कनेक्शनों की भरमार होने के कारण पानी की सप्लाई पर्याप्त और सुचारू रूप से नहीं हो रही है. इसका खामियाजा आम ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. ग्राम पंचायत चुतर पुरा में GLR चुतरपुरा से पाबूसर जाने वाली सड़क पर बना है, जो दईया और सुथारो की ढाणी के पास चुतरपुरा से तीन किलोमीटर दूर है. मौके पानी सप्लाई हेतु एक ही नहीं दो पाइप लाइन है एक पुरानी लाईन जो कलाऊ से चुतरपुरा को जोड़ने वाली और दूसरी चुतरपुरा से इस GLR को जोड़ने वाली. GLR भी भामाशाह द्वारा दी गई जमीन पर.
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सब व्यवस्था होने के उपरांत भी यहां की जनता, यहां के पशु, यहां के पक्षी और राहगीर गत दो वर्ष से पानी को तरसते रहे है. ग्रामीण भंवर सोऊ ने बताया कि चुतरपुरा की पानी सप्लाई की व्यवस्था स्थानीय पंचायत के जिम्मे होने से उन्होंने भी अपनी मर्जी चलाकर इन लोगों और मवेशियों के साथ कुठाराघात किया. इस सड़क पर आने वाली अन्य GLR और अपने चहेतों को समय-समय पर पानी सप्लाई दी, लेकिन इस GLR में गत दो वर्ष से पानी देखने को भी नहीं मिला है, नहीं ही प्रशासन द्वारा टैकर व्यवस्था. क्षेत्र के लोग और पशु रोज इंतजार कर रहे हैं कि शायद किसी धर्मार्थी को दया आ जाए और पानी टैंकर डलवा दें.
इस संबंध में बार-बार शिकायत के बाद थक हार कर, प्रशासन गांवों के सॅग अभियान चुतरपुरा में शिविर प्रभारी उपखंड अधिकारी महोदया से भी शिकायत की, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं और ग्रामीण 1200-1500 रुपये प्रति टैंकर देने को मजबूर हैं, जबकि आसपास के सभी BPL परिवार अपना गुजारा चलाने में भी असमर्थ. ग्रामीणों ने पानी की सप्लाई बहाल नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.