India and France air force Exercise: भारत (India) और फ्रांस (France) की एयरफोर्स का सातवां 15 दिवसीय संयुक्त युद्धाभ्यास गरुड़ जोधपुर में  26 अक्टूबर से शुरू हो गया.  भारत और फ्रांस के राफेल (Rafale) जोधपुर (Jodhpur) के आसमान में गरजने लग गए. फ्रांस के 220 सैनिकों की टुकड़ी चार राफेल फाइटर जेट व मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट के साथ जोधपुर पहुंची.


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दूसरी तरफ इंडियन एयर फोर्स की तरफ से राफेल, सुखोई, तेज व जैगुआर फाइटर जेट के अलावा एलसीएच को इस युद्धाभ्यास में उतारे गए. दोनों देशों की एयरफोर्स के बीच यह युद्धाभ्यास 12 नवंबर तक चलेगा. इस दौरान दोनों देश की एयरफोर्स अपने-अपने अनुभव एक-दूसरे के साथ सांझा करेंगे.   



दोनों देशों की एयरफोर्स के बीच गरुड़ सीरीज के पहले छह युद्धाभ्यास हो चुके हैं. उनमें से तीन भारत में व तीन फ्रांस में हुए है. वर्ष 2014 में जोधपुर में यह युद्धाभ्यास हो चुका है. इस युद्धाभ्यास के बाद ही भारत के राफेल खरीदने के सौदे ने तेजी पकड़ी थी और आज राफेल इंडियन एयरफोर्स का हिस्सा बन चुका है.


फ्रांसीसी वायु सेना 220 जवानों की टुकड़ी के साथ जोधपुर आई हैं. दोनों देशों की सेनाओं के बीच यह सातवां अभ्यास है. इससे पहले पहला, तीसरा और पांचवां अभ्यास 2003, 2006 और 2014 में वायु सेना स्टेशन ग्वालियर, कलाईकुंडा और जोधपुर में आयोजित किया गया था.


  जोधपुर एयरबेस पर दोनों दोशों ने  एयरपोर्ट के बीच गरूड़ 7 का  संयुक्त युद्धाभ्यास गरुड़ 7 का  24 अक्टूबर को हुआ जो 12 नवंबर तक चलेगा. इस युद्धाभ्यास में दोनों ही देशों के फाइटर विमान अपनी-अपनी कौशल क्षमता को दिखाएंगे. वहीं दोनों ही देशों की वायुसेना अपनी हवाई ताकत का प्रदर्शन भी करेगी . 


बता दें कि भारत में आयोजित हो रहे गरुड़ 7 के इस मुकाबले में फ्रांसीसी राफेल का मुकाबला स्वदेशी तेजस से हो रहा है. हाल ही में एयरपोर्ट में शामिल किए गए लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर प्रचंड भी इस अभ्यास में अपनी क्षमता दिखाएगा.



युद्धाभ्यास के लिए इसलिए जोधपुर का किया चयन
थार के रेगिस्तान का सिंह द्वार कहलाने वाले जोधपुर का मौसम अमूमन एकदम साफ रहता है. वहीं यहां का तापमान दोनों देशों के पायलट्स व अन्य स्टाफ के लिए पूरी तरह से मुफिद है. जोधपुर से सीमा क्षेत्र तक बगैर किसी रूकावट के लंबी दूरी तक उड़ान भर सकते हैं. 


 बीती रात को नाइट फ्लाइंग के दौरान 1 दर्जन से ज्यादा विमानों ने आसमान में पश्चिमी सेक्टर में अपनी ताकत का दम दिखाया. इस युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना अपनी स्वदेशी विमानों की ताकत दिखा रही है जिसके लिए खासतौर से दक्षिण से तेजस फाइटर विमानों को लाया गया है. इसके अलावा स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर प्रचंड शामिल किया गया है. वहीं सुखोई 30, एमकेआई, राफेल, जगुआर mi-17 हेलीकॉप्टर भी शामिल है. मिड एयर रिफ्यूलर विमान दो अवाक्स विमान भी शामिल किए गए हैं. वहीं फ्रांस के दल में 4 राफेल 1A 330 मल्टीरोल टैंकर ट्रांसपोर्ट शामिल किया गया है.


 दरअसल, गरुड़ सेवन का मकसद भारतीय वायुसेना और फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल का संयुक्त अभ्यास दोनों देशों की हवा में ताकत को परखने और उसे तकनीकी रूप से अधिक मजबूती प्रदान करेगा और इससे दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी भी पड़ेगी. इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना और एफ ए एस एफ की भागीदारी दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के अलावा पेशेवर बातचीत अनुभवों के आदान-प्रदान और परिचालन ज्ञान में वृद्धि को बढ़ावा देगी यह द्विपक्षीय अभ्यास का सातवां संस्करण है. 


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