Jaisalmer: जिले के फतेहगढ़ तहसील (Fatehgarh Tehsil) के आस्था के केंद्र देगराय मन्दिर ओरण क्षेत्र में सांवता गांव की सरहद पर गुरुवार को फिर एक चिंकारा शिकारियों की भेंट चढ़ गया, जिसकी सूचना ग्रामीणों द्वारा वन विभाग को दी गई. टीम ने पहुंच शव को अपने कब्जे में ले लिया.


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गौरतलब है कि बीते 2 दिन पूर्व मंगलवार को भी एक चिंकारा का शव मिला था, जिसकी सूचना ग्रामीणों ने वनविभाग को दी थी. वहीं, वनकर्मी और डीएनपी के कार्यवाही कर इतिश्री कर दी थी लेकिन शिकारी अभी भी पकड़ से परे हैं. ऐसे में आज गुरुवार को राज्य पशु चिंकारा का पुनः शिकार शिकारियों के बुलंद हौसले, वन विभाग की उदासीनता और जिला प्रशासन की नाकामी पर सवालिया निशान खड़ा करता है. 


वहीं, क्षेत्र के ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमी सुमेर सिंह (Sumer Singh) का कहना है कि ओरण के आसपास विभिन्न ऊर्जा कम्पनियों का कार्य चल रहा हैं, जिसमें बाहरी मजदूर और कर्मचारी काम करते हैं. क्षेत्र में इनकी मौजूदगी से शिकार की घटनाओं में निरन्तर बढ़ोतरी हुई है, जिस कारण ओरण में विचरण करने वाले वन्यजीव असुरक्षित और घबराये रहते हैं.


बता दें कि राजस्थान के जंगली पशु की श्रेणी में चिंकारा को राज्य पशु की उपाधि प्राप्त है. चिंकारा को 1981 में राज्य पशु घोषित किया गया था, यह एक शर्मीला जीव है तथा सर्वाधिक राजस्थान के मरू भाग में पाया जाता है लेकिन अब शिकारियों की पैनी नजर  के चलते इन राज्य पशुओं का जीवन खतरे में है.


Reporter- Shanakar Dan