Jodhpur Cylinder Blast Case : जोधपुर के भूंगरा गांव में शादी के घर में हुए गैस सिलेंडर ब्लास्ट में सरकारी मौन और आर्थिक मुआवजा नहीं मिलने के चलते क्षत्रिय समाज में खासी नाराजगी है. हादसे में अब तक 31 मौतें हो चुकी है लेकिन 9 दिन बाद भी सरकार की ओर से पीड़ित परिवारों को किसी प्रकार की उचित मदद या संबल नहीं मिल पाया हैं. सरकार से 20 करोड़ आर्थिक पैकेज के साथ मृतक आश्रितों को नौकरी की मांग की गई है.


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8 दिसंबर कोजोधपुर जिले के शेरगढ़ उपखंड के गांव भूंगरा में गैस सिलेंडर फटने से भयावह हादसा हो गया था. हादसे में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग  जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष रहे हैं.


इधर त्रासदी में परिवार के परिवार खत्म हो गए, लेकिन राज्य सरकार की उदासीनता को लेकर राजपूत समाज मे जबरदस्त आक्रोश है. समाज के संगठन विभिन्न स्तरों पर नाराजगी जता चुके हैं. अब राजपूत समाज के लोग बैठक करने जा रहे हैं.


प्रताप फाउंडेशन और राजपूत सेवा संघ सहित विभिन्न संगठनों ने सरकार की बेरुखी पर आक्रोश व्यक्त किया है. प्रताप फाउंडेशन के संयोजक महावीर सिंह सरवड़ ने कहा कि घटना के 8 दिन बाद भी परिवार का आंसू पहुंचने कोई सरकार का प्रतिनिधि नहीं पहुंचा, ऐसे में पूरा समाज खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है.


वहीं दूसरी ओर राजपूत सेवा संघ के अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के साथ ही केंद्र सरकार की ओर से भी पीड़ितों के परिजनों को आर्थिक मदद दी जानी चाहिए. इधर जोधपुर पहुंचे ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने  कहा कि घटना के 9 दिन बाद भी सरकार की ओर से 2 लाख रुपए  की मदद संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है.  घटना जिस गैस एजेंसी के। सिलेंडर फटने से हुई के खिलाफ आपराधिक लापरवाही का मामला दर्ज होना चाहिए .


राठौड़ ने कहा कि हमारी मांग है कि दोनों कंपनी के सीएसआर फंड से एक एक करोड़ रुपए दिए जाए वहीं कम से कम सरकार को 20 करोड़ का आर्थिक पैकेज देना चाहिए। जो परिवार पूरी तरह खत्म हो गई उनके आश्रितों को सरकार नौकरी दे । दर्जनों ऐसे उदाहरण हैं जब घटना हुई आगजनी की सरकार ने विधायकों की अभिशंषा पर  मृतक आश्रित को नौकरी दी गई.


जो बेसहारा रह गए उनके शिक्षा और पालन पोषण का खर्चा सरकार उठाएं. किसी राजनीतिक दल की लड़ाई नहीं है, यह मानवता की लड़ाई है. मैं राजनीति पार्टी का कार्यकर्ता बाद में पहले एक सामाजिक व्यक्ति हूं.


राठौड़ ने कहा कि समाज ने जो अल्टीमेटम दिया है उसे नहीं माना तो राजस्थान में अलग से लड़ाई लड़ी जाएगी. मृतक आश्रित से राज्य सरकार को कम से कम 50- 50 लाख रुपए घायलों को  25 लाख , गैस एजेंसी से 2 करोड़,देने चाहिए. जिला कलेक्टर को तत्काल रुप से प्रधानमंत्री आवास योजना में बेसहारा परिवारों को आवास आवंटित कर देनी चाहिए.  


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