Jodhpur News: राजस्थान के जोधपुर में पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यक समाज के लोग लंबी प्रताड़ना और दर्द के बाद एक उमंग लेकर भारत पहुंच तो गए, लेकिन भारत पहुंचने के बाद भी पिछले 10-15 सालों से मूलभूत सुविधाओं के साथ नागरिकता के लिए लंबा संघर्ष करने वाले पाक विस्थापितों के चेहरे आज उस समय खिल गए.


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जब मेडिकल कॉलेज सभागार में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में शिविर लगाकर 378 निवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई. नागरिकता प्राप्त करने वालों ने कहा कि हां आज मुझे गर्व है कि मैं भारत की बेटी बन गई. अब मुझे न केवल शिक्षा मिलेगी बल्कि हर सुविधा का में लाभ प्राप्त कर सकूंगी. 


 



मैं भारत में वोट देने के साथ ही मूलभूत सुविधाएं भी प्राप्त कर सकती हूं. मुझे खुशी है कि मैं भारत जैसे देश की बेटी बनी इस लोकतंत्र का हिस्सा बन रही हूं. पढ़-लिखकर न केवल अपने परिवार बल्कि देश का नाम रोशन करने का भी प्रयास करूंगी. यह कहानी केवल चंपाबाई इंदिरा या कलावती की नहीं बल्कि 100 वर्षीय प्यारी देवी से भी यही सुनने को मिला कि अब मेरे पोता-पोती पढ़ लिख सकेंगे क्योंकि उन्हें आज नागरिकता मिली है.


 



चंपाबाई की पहचान सुबह तक पाक विस्थापित के रूप में थी, लेकिन अब नागरिकता मिलने के बाद वह भारत की बेटी हैं और इस बात को लेकर बहुत उत्साहित भी है. वह इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिल से आभार व्यक्त कर रही हैं, उनका कहना है कि भारत की बेटियों को पढ़ने और बढ़ाने के लिए न केवल प्रोत्साहित कर रहे हैं, बल्कि अवसर भी दे रहे हैं.


 



शिविर में 378 पाक स्थापित लोगों को नागरिकता सर्टिफिकेट दिया गया. अब वे सभी भारतीय बन गए हैं. जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया कि बिल्कुल 3408 लोगों ने नागरिकता के लिए आवेदन किया था. जिसमें से कुल 378 को नागरिकता दी जा चुकी है. 2259 लोगों को अब तक नागरिकता प्राप्त हो चुकी है, जिनमें से 816 आवेदन प्रक्रियाधीन है.


 



राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी और शहर विधायक अतुल भंसाली सहित पाक विस्थापित नागरिकों के संगठन के मुखिया व गणेश बिजानी मौजूद रहे. आज भारत नागरिकता मिलने के बाद वे तमाम पूर्व पाक विस्थापित जो कि अब भारतीय बन गए हैं, उनके चेहरे पर खुशी की लहर थी मानो उनके जीवन का सबसे बड़ा सपना पूरा हो गया. 


 



उनके उत्साह का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि समारोह के दौरान उन्होंने वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाकर पूरे हॉल में उत्साह भर दिया. राज्य सरकार द्वारा पाक विस्थापित को नागरिकता देने के लिए जोधपुर में विशेष कैंप का आयोजन किया जा रहा है. 


 



इस दो दिवसीय कैंप में पाक विस्थापितों के कल्याण के लिए बनाई गई समितियों के प्रतिनिधि के साथ तमाम सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधि भी विस्थापितों के निराकरण के लिए एक मंच पर इकट्ठी हुई है. इस कैंप के माध्यम से विस्थापितों के डॉक्यूमेंट में आ रही समस्या के साथ विभागीय स्तर पर आ रही समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है. 


 



इसके साथ डॉक्यूमेंट में किसी तरह की कमी पाए जाने पर उनके कर्मियों को पूर्ण करने के लिए मदद भी की जा रही है. इससे विस्थापितों को विभिन्न विभागों में बार-बार घूमने से निजात मिली है. वह एक साथ सभी विभागों के कार्य एक मंच पर आकर इस कैंप के माध्यम से करवा सकते हैं, इसको लेकर अब पहली बार 378 लोगों को एक साथ भारत की नागरिकता दी. 


 



जोधपुर में रह रहे 378 पाक विस्थापित को अब एक साथ भारत की नागरिकता मिलने से एक रिकॉर्ड दर्ज होगा. पाक विस्थापित को भारत की नागरिकता मिलने के बाद उन्हें भारत में मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं रहना पड़ेगा. वे शिक्षा चिकित्सा और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं का लाभ ले पाएंगे. इसके साथ ही वे अब भारत के नागरिक कहला पाएंगे.


 



जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार पाक विस्थापितों की नागरिकता के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इसके लिए दो दिवसीय 24 सितंबर और 25 सितंबर को कैंप का आयोजन किया गया है. 


 



जहां पर पाक विस्थापित अपनी समस्याओं को लेकर आ सकता है, यहां पर सभी विभाग और पाक विस्थापित समिति के पदाधिकारी को एक साथ के लिए सहायता हेतु नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही कैंप के दूसरे दिन एक साथ पहली बार 378 लोगों को भारत की नागरिकता भी दी.