जोधपुर में फसल बीमा योजना का मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों का प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
Jodhpur News: फसल बीमा योजना में मुआवजा नही मिलने पर किसानों का प्रदर्शन किया है, बता दें कि 7 मार्च को किसानों डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भी सौंपा है.
Jodhpur News: नारायण भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले लूणी तहसील के विभिन्न गांवों से आए किसानों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. किसानों ने ज्ञापन में फसल बीमा योजना को लेकर मुआवजा नहीं मिलने को ऑपरेटिव सोसाइटी में किसानों से कमीशन लेने सहित विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन दिया.
किसानों के ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट आने की सूचना को लेकर पुलिस की ओर से यहां पर अतिरिक्त जाता तैनात किया गया था. पुलिस के कई आला अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे. ज्ञापन देने आए नारायण भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष पीराराम पावड़ ने बताया कि 2023 में हुई बारिश से तहसील झवर,लूणी में तिल,मूंग,बाजरे की फसल नष्ट हो गई.
इसको लेकर तहसीलदार और पटवारी की ओर से 80% खराबी की रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेज दी गई. इसके बावजूद किसानों को अभी तक नहीं बताया गया कि उन्हें प्रति हेक्टर कितना मुआवजा और क्लेम दिया जाएगा. साथ ही बताया कि इन तहसीलों में किसानों की फसल का नुकसान 33% से ज्यादा रहा जो राज्य सरकार की ओर से अभावग्रस्त घोषित तहसील हैं.
यहां पर प्रति हेक्टर किसानों को 8500 रुपए सहायता राशि आधार अनुदान के रूप में मिलनी चाहिए जो अभी तक किसानों को नहीं मिली है, इसको लेकर जिला कलेक्टर की ओर से संबंधित तहसीलों को 10 जनवरी को एक आदेश भी जारी किए गए. जिसमें अधिकतम 15 दिवस तक डाटा अपलोड करने को लेकर लिखा गया,लेकिन लगभग 58 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई संबंधित अधिकारियों की ओर से नहीं की गई है.
उन्होंने कोऑपरेटिव सोसाइटी संबंधित मामले को लेकर भी ज्ञापन दिया.बताया कि सरकार की ओर से किसानों को कोऑपरेटिव सोसाइटी से जो लोन दिया जाता है उसमें पारदर्शिता नहीं है, क्योंकि अनपढ़ किसानों से सोसाइटी मैनेजर हजार रुपए पर 10 रुपए का कमीशन भी लेते हैं, जो कि अवैध है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए ज्ञापन में आए किसानों ने मूंग, बाजरा, मोठ और ग्वार जैसी फसलों का समर्थन मूल्य निर्धारण करने समिति स्तर खरीद केंद्र खोलने की मांग भी की.
ओरण बचाने की मांग
किसानों ने राजस्थान के वन विभाग की ओर से एक जारी विज्ञप्ति का उल्लेख किया बताएं कि जिसमें आरंग जमीन को फॉरेस्ट डिमांड घोषित करने को लेकर निर्णय किया गया है उन्होंने सरकार से इस निर्णय को स्थगित करने की मांग की बताया कि बताया की ओरण भूमि खत्म हो गई तो पशु पक्षी कहां जाएंगे. उनका ठिकाना खत्म हो जाएगा. उनके लिए चारा, पानी का संकट खड़ा हो जाएगा.
Reporter- Rakesh Kumar Bhardwa
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