अनीता चौधरी हत्याकांड में अभी तक खाली पुलिस के हाथ, गुलामुद्दीन बार-बार बदल रहा अपने बयान
Jodhpur News: जोधपुर अनीता चौधरी हत्याकांड में गुलामुद्दीन ने स्वीकार किया है कि उसने हत्या तो की है लेकिन शव को ठिकाने लगाने के लिए टुकड़े कर दिए. हाथ पांव और धड़ को अलग कर करके प्लास्टिक कट्टे में तो डाल दिया लेकिन ठिकाने लगाना भी उसके लिए टास्क था तो उसने जेसीबी से गड्डा खोदकर शव को उसमें डाल दिया.
Jodhpur News: जोधपुर अनीता चौधरी हत्या का मामला पुलिस के लिए ऐसा टास्क बन गया है कि अब पुलिस मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन के बदलते बयानों पर ही निर्भर हो रही है. ऐसा लगता है कि केवल गुलामुद्दीन के बदलते बयानों से ही कयास लगा रही है कि ऐसा हुआ होगा. सूत्रों की माने तो गुलामुद्दीन ने स्वीकार किया है कि उसने हत्या तो की है लेकिन शव को ठिकाने लगाने के लिए टुकड़े कर दिए.
हाथ पांव और धड़ को अलग कर करके प्लास्टिक कट्टे में तो डाल दिया लेकिन ठिकाने लगाना भी उसके लिए टास्क था तो उसने जेसीबी से गड्डा खोदकर शव को उसमें डाल दिया. अभी तक यह कहानी सामने आ रही है लेकिन पूछताछ में क्या कबूल किया, यह पुलिस खुलासा नहीं कर रही है. ऐसे में बदलते बयानों की वजह से पुलिस स्वयं भी अभी तक उसकी कहानी पर विश्वास नहीं कर पा रही है.
इसके साथ सबसे बडी बात है कि मामला हत्या का है और गुमराह करने के लिए गुलामुद्दीन के पिछले किरदार यानी की उसके आदतन अपराधी होने की बात को बार बार दोहराया जा रहा है जबकि वर्तमान में उसका कोई लेना देना नहीं है. पहले वो जहरखुरानी कर चुका है, ब्लैक मेल और चोरी करने की आदतें थी. यह सब सहयोग कर सकती. पुलिस की कहानी को लेकिन यहां बात अनीता की हत्या करना और शव को टुकड़ों में काटकर कर गड्डे में दफन करना, उसके बाद भी खुलेआम जोधपुर शहर में घूमता रहा.
बात तो यह भी सामने आ रही है कि 29 अक्टूबर को गुलामुद्दीन जोधपुर से अहमदाबाद चला गया था. उसके बाद 31 अक्टूबर को दोबारा जोधपुर आया और शाम को फिर से अहमदाबाद होकर मुम्बई चला गया. तो क्या पुलिस का मुखबिर तंत्र कमजोर हो गया कि आरोपी जोधपुर में आकर चला गया और पुलिस को भी भनक नहीं लगी. सवाल कई हैं लेकिन जवाब पुलिस भी नहीं दे रही है.
गुलामुद्दीन और उसकी पत्नी आबिदा दोनों पुलिस रिमांड पर चल रहे हैं. आबिदा ने पिछले दिनो मीडिया के सामने भी कहा था कि मैं बेकसूर हूं. घटना के दिन अपनी बहन के घर गई थी लेकिन गुलामुद्दीन को पकड़ो, वो बताएगा पूरी कहानी.... उसने ही कहा था कि ऐसा होगा वैसा होगा, किसी तीसरे व्यक्ति को लाने की बात उसने कही थी लेकिन अभी तक पुलिस तीसरे व्यक्ति का भी पता नही लगा पाई है, कौन है वो तीसरा व्यक्ति, जो इस हत्या का राजदार और सहयोगी था.
हो सकता है कि पुलिस पति पत्नी को आमने सामने बिठाकर पूछताछ कर उसका खुलासा करे लेकिन पूरी कहानी अभी तक लूट की वारदात के इर्द-गिर्द ही घूम रही है. जो कहानी आबिदा ने बताई, उसी को सच मानकर पूरा टास्क चल रहा है. जबकि पुलिस को सच्चाई की तह तक जाकर पर्दा उठाना चाहिए लेकिन पुलिस पहले गुलामुद्दीन के लिए घूम रही थी और अब शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए. ऐसे में सच्चाई उजागर कर मामले की परते खोलने का वक्त कब मिलेगा, यह सबसे बड़ा सवाल है.
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