जोधपुर : वकील जुगराज चौहान की 18 फरवरी को दिनदहाड़े हुई निर्मम हत्या के बाद चल रहा गतिरोध आज खत्म हो गया. परिजनों ने परिवार के सदस्य को नौकरी देने नियमानुसार आर्थिक सहायता देने के आश्वासन के बाद समाज और परिजनों ने वकीलों से वार्ता की और इसके बाद सभी की सहमति से परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाने की सहमति दी. पुलिस प्रशासन ने पोस्टमार्टम की कार्रवाई के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया. इधर समाज के लोगो का कहना है कि वह इतने दिनों से शव के साथ धरने पर बैठे हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने उनकी सूद तक नही की इसका इन्हें दुःख है.


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और वकील मामले में राजस्थान हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन की ओर से नए कार्यों के बहिष्कार किया गया था. जहां वकीलों का न्यायिक कार्य बहिश्कार आज भी जारी रहा. एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को लेकर उनका आंदोलन आगे भी जारी रहेगा. एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल की रूपरेखा व ड्रॉफ्ट बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की सात सदस्यीय कमेटी ने तैयार की है.


इसमें वकीलों के हितों की सुरक्षा के लिए कई प्रावधान का प्रस्ताव है.प्रस्तावित बिल में वकील तथा उनके परिवार के सदस्यों को किसी प्रकार की क्षति व चोट पहुंचाने की धमकी देना, किसी भी सूचना को जबरन उजागर करने का दबाव देना, दबाव पुलिस अथवा किसी अन्य पदाधिकारी से दिलवाना, वकीलों को किसी केस में पैरवी करने से रोकना, वकील की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, किसी वकील के खिलाफ अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करना जैसे कार्यों को अपराध की श्रेणी में रखा गया है. ये सभी अपराध गैर जमानती अपराध होंगे. ऐसे अपराध के लिए 6 माह से 2 वर्ष की सजा के साथ-साथ दस लाख रुपये जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है. इन अपराधों के लिए पुलिस को 30 दिनों के भीतर अनुसंधान पूरा करना होगा, जिसकी सुनवाई जिला व सत्र न्यायाधीश/अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायधीश करेंगे लेकिन अगर कोई वकील अभियुक्त हो तो यह कानून उसपर लागू नहीं होगा.


इसको लेकर आगे की रणनीति तय करने के लिए रविवार को प्रदेशभर की बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को जोधपुर में आमंत्रित किया गया है. उन सभी पदाधिकारियों से चर्चा करने के बाद वकील अधिवक्ता प्रोटक्शन बिल को लेकर आंदोलन की आगामी रणनीति तय करेंगे.