Jodhpur: जोधपुर के भोपालगढ़ कस्बे सहित उपखंड क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में पिछले तीन-चार दिनों से लगातार हो रही बारिश से ग्रामीण इलाकों में साइड इफेक्ट भी नजर आने लगे हैं. बारिश के चलते जगह-जगह नुकसान भी सामने आने लगा है, अत्यधिक बारिश से जहां क्षेत्र के अरटिया कलां एवं रुदिया आदि गांवों में करीब आधा दर्जन से अधिक मकानों में दरारें आ गई, तो वहीं कुछ मकान ढ़ह भी गए. 


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बारिश से कई जगह खेतों में पानी भरने से फसलों क भी नुकसान होने की आशंका बन गई है, वहीं क्षेत्र के कई गांवों में जलभराव के हालात पैदा होने के बाद बुधवार को विकास अधिकारी शिवदानसिंह बासनी सेजां समेत अधिकारियों की अलग-अलग टीमों ने क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों का दौरा किया और बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेकर आमजन से सावधानी बरतने की अपील की. गौरतलब है कि भोपालगढ़ कस्बे सहित क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में पिछले तीन-चार दिनों से चल रहा बारिश का दौर रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है, जिसके चलते इस दौरान कभी रिमझिम तो कभी मूसलाधार बारिश होते रहने से ग्रामीण इलाकों में जगह-जगह जलभराव के हालात पैदा होने लगे हैं.कई जगह हालात बेहद खराब होने की स्थिति भी बनने लगी है.


गत मंगलवार को ही क्षेत्र के अरटिया कलां गांव में जहां निचले इलाकों की बस्तियों में बारिश का पानी भरने एवं लोगों के घरों में पानी घुस जाने के बाद प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी.  ग्राम पंचायत के सहयोग से मोटर-पंप लगाकर पानी बाहर निकाला गया, तो वहीं बुधवार को अरटिया कलां में ही मांगीलाल पुत्र आदुराम, ओमाराम पुत्र घेंवरराम सुथार, जीवनराम पुत्र लिच्छीराम, रामनिवास पुत्र मांगीलाल, भंवरलाल पुत्र सुजाराम मेघवाल, पप्पूराम पुत्र लिच्छीराम, पपूड़ी पत्नी कंवराराम, दीपाराम पुत्र हीराराम व रामदयाल पुत्र खंगारराम के मकान क्षतिग्रस्त हो गए और जगह-जगह दरारें आने से मकान ढ़हने के हालात बन गए. वहीं इनमें से दीपाराम के मकान की बालकनी तो भर-भराकर गिर गई, लेकिन गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई. किसान ओमाराम के घर में पानी घुस जाने से करीब 15 क्ंविटल जीरा एवं सारा घरेलू सामान भीगकर खराब हो गया, जिस पर सरपंच अनिता रामनिवास फंगाल व माधाराम चौधरी ने इन सभी लोगों के घर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और पीड़ित परिवारों को उचित स्थान पर ठहराने के प्रबंध करने को लेकर भी प्रयास शुरु किए. इसी प्रकार उपखण्ड क्षेत्र के रुदिया गांव में भी ओमाराम नायक व गोपालदान चारण के मकान लगातार हो रही बारिश से भरभरा कर ढह गए लेकिन गनीमत रही कि इस दौरान इन घरों में रहने वाले लोग पहले ही बाहर निकल गए और कोई जनहानि नहीं हुई. हालांकि मकान ढहने से पास ही बाड़े में बंधे मवेशियों को जरुर चोटें आई है. इन लोगों के मकान ढहने की सूचना मिलने पर रूदिया सरपंच प्रतिनिधि भैराराम सारण ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और प्रशासन से दोनों पीडि़त परिवारों की उचित मदद व आर्थिक सहायता देने की मांग की है.


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अधिकारियों ने भी लिया जायजा


दूसरी ओर भोपालगढ़ क्षेत्र के कई गांवों में अत्यधिक बारिश से जलभराव के हालात पैदा होने के बाद जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता एवं उपजिला कलक्टर हवाईसिंह यादव के निर्देशानुसार अधिकारियों की अगल-अलग टीमों ने भी क्षेत्र के कई गांवों का दौरा कर हालात का जायजा लिया. इस दौरान विकास अधिकारी शिवदानसिह बासनी सेजां ने सहायक विकास अधिकारी ओमप्रकाश जाखड़ व जोगाराम जाखड़ के साथ क्षेत्र के अरटिया कलां, देवातडा, गोदावास, बुड़किया व नांदिया प्रभावती आदि गांवों के नाडी-तालाब व एनिकटों का जायजा लिया और सभी ग्राम विकास अधिकारियों को मुख्यालय पर ही उपस्थित रहने व हर हालात से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए. वहीं उपजिला कलक्टर एचएस यादव, तहसीलदार मनोहरसिंह राठौड़ व नायब तहसीलदार भूपेन्द्रकुमार सेजू ने भी क्षेत्र के अलग-अलग गांवों का दौरा कर बारिश से उपजे हालात का जायजा लिया.


फसलों में भी हो रहा है नुकसान


भोपालगढ़ कस्बे सहित क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश से जहां जमीन तो पूरी तरह से धाप चुकी है और अब भी हो रही बेतहाशा बारिश से क्षेत्र के अधिकांश में खेत बारिश के पानी से भरने लगे हैं. इससे खेतों में खड़ी सावणी फसलों में बेजा कबाड़ा होने की आशंका बन गई है. किसानों के मुताबिक खेतों में खड़ी सावणी फसलों में पानी भर जाने से, ये फसलें अब गलकर पीली पडऩे लग जाएगी और इससे उपज पर भी बेहद बुरा असर पड़ेगा. सबसे ज्यादा नुकसान मंग-तिल व बाजरा की फसलों में होने की आशंका है, जबकि अन्य फसलें भी गलकर खराब हो रही हैं.


स्थाई समाधान के निर्देश दिए


क्षेत्र के कुछ गांवों में जलभराव की स्थिति बनने पर तत्काल राहत उपाय शुरु करवाए गए हैं और अधिकारियों की टीमें भी मौके पर जाकर जायजा ले रही है. कुछ जगहों पर मकानों में नुकसान की सूचना भी मिली है, जिस पर संबंधित हल्का पटवारियों व ग्राम विकास अधिकारियों को हालात के अनुसार राहत बंदोबश्त करने एवं सभी कार्मिकों को मुख्यालय नहीं छोडऩे के निर्देश दिए गए हैं. 


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