Soorsagar: जोधपुर शहर में गणेश महोत्सव के उपलक्ष्य में शिक्षाविद प्रोफेसर माणक सिंह गहलोत की पुण्यतिथि के अवसर गहलोत परिवार की मेजबानी में सूरसागर कृष्णा वाटिका आयोजित नौ दिवसीय राम कथा के दूसरे दिन रविवार को मानस मर्मज्ञ संत मुरलीधर ने गोस्वामी तुलसीदास रचित श्रीरामचरितमानस के बालकांड में वर्णित भगवान शिव और पार्वती के विवाह प्रसंग को बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ सुनाया.


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राम कथा महोत्सव में सूरसागर बड़ा रामद्वारा के महन्त राम प्रसाद का सानिध्य प्राप्त हुआ. सत्संग को संबोधित करते हुए महन्त ने कहा कि सत्संग कई जन्मों के पुण्य के फल से हमें प्राप्त होती है. कथा के माध्यम से समाज को संदेश देते हुए महंत ने कहा कि जीवन में सुख और दुःख और अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियों का आना स्वाभाविक है, लेकिन जो भगवान का भक्त होता है वो इन दोनों परिस्थितियों का हंसकर सामना करता है.


साथ ही व्यक्ति को कर्म करते रहना चाहिए फल की इच्छा भगवान पर छोड़ देना चाहिए और जब हमारी उम्मीद के अनुसार फल न मिले तो निराश नहीं होना चाहिए, जिस प्रकार सूरज का रंग उदय और अस्त होते समय एक जैसा रहता है उसी प्रकार व्यक्ति को संपति और विपत्ति दोनों परिस्थितियों में एक समान व्यवहार करना चाहिए.


रामायण की सुंदर और मधुर चौपाइयां सुनकर श्रोता भाव विभोर नजर आए. इस अवसर पर कथा के यजमान पूर्व महापौर राजेंद्र कुमार गहलोत, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक नितिन भाई, शंभू सिंह, दुर्गा सिंह गहलोत, राजकुमार व्यास, रतन लाल गुप्ता, कमलेश गहलोत, नारायण दातार, पुख राज जांगिड़ सहित विभिन्न मानस प्रेमी उपस्थित थे.


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