SDM Priyanka Bishnoi: एसडीएम प्रियंका बिश्नोई की मौत के मामले में अब उच्च स्तरीय जांच होगी, क्योंकि जोधपुर जांच कमेटी की रिपोर्ट में कई सवाल उठाए गए हैं. प्रियंका बिश्नोई का 18 सितंबर 2024 को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था, जिसके बाद उनके परिवार ने डॉक्टरों की लापरवाही का आरोप लगाया है. यह मामला बहुत ही गंभीर है और उच्च स्तरीय जांच से सच्चाई का पता चल सकेगा.

 

एसडीएम प्रियंका बिश्नोई की मौत के मामले में एक नया मोड़ आया है. जयपुर में अब 5 डॉक्टरों की एक कमेटी बनाई गई है, जो इस मामले में उच्च स्तरीय जांच करेगी. इससे पहले, जोधपुर जांच कमेटी की रिपोर्ट में कई सवाल उठाए गए थे, जिन्हें अब इस नई कमेटी द्वारा देखा जाएगा.

 


 

एसडीएम प्रियंका बिश्नोई की मौत की उच्चस्तरीय जांच 
राजस्थान के जोधपुर में एसडीएम प्रियंका बिश्नोई की मौत के मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट सामने आ गई है. प्रियंका बिश्नोई की 18 सितंबर को निजी वसुंधरा अस्पताल में ऑपरेशन के बाद अचानक मौत हो गई थी, जिससे कई सवाल उठे थे. परिजन और समाज ने अस्पताल के खिलाफ जांच की मांग की, जिसके बाद जिलाधिकारी ने 5 डॉक्टरों की टीम गठित की. अब इस मामले में सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के लिए फिर से 5 डॉक्टरों की कमेटी बनाई है.
 



खारिज किए सभी आरोप 
वसुंधरा अस्पताल के निदेशक डॉ. संजय मकवाना ने एसडीएम प्रियंका बिश्नोई की मौत के मामले में लगाए गए सभी आरोपों को खारिज किया है. डॉ. मकवाना का कहना है कि प्रियंका का ऑपरेशन उनके अस्पताल में सफल रहा था और उनकी मौत एनेस्थीसिया या ब्लीडिंग के कारण नहीं हुई. उन्होंने बताया कि प्रियंका की तबियत अहमदाबाद ले जाने के दौरान बिगड़ी थी, जिससे उनकी मौत हुई. डॉ. मकवाना ने अस्पताल की ओर से किसी भी तरह की लापरवाही से इनकार किया है.


जांच कमेटी में हुआ बड़ा खुलासा 

जांच कमेटी की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल के रिकॉर्ड और उपस्थित डॉक्टरों, स्टाफ नर्स और मरीज के पति के बयानों को देखने के बाद समिति ने पाया कि अस्पताल में प्रियंका बिश्नोई के इलाज में कुछ गंभीर अनियमितताएं हुईं. समिति की राय है कि इन अनियमितताओं के कारण प्रियंका की मौत हुई. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि अस्पताल ने कई महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया, जिससे मरीज की जान जोखिम में पड़ी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


ध्यान से पढ़ें...
एसडीएम प्रियंका बिश्नोई की मौत के मामले में जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उनके ऑपरेशन के बाद डीआईसी और पोस्ट ऑपरेटिव सेप्सिस की समस्या आई, जिसके लिए उन्हें एंटीबायोटिक्स, रक्त घटक और वेंटिलेटरी सपोर्ट दिया गया. नर्स और अस्पताल स्टाफ के बयानों में विरोधाभास है, लेकिन अभी तक कोई जानबूझकर लापरवाही नहीं पाई गई है. फिर भी, असमानता के लिए विस्तृत जांच की जरूरत है.

 

सामने आई महत्वपूर्ण बिंदु 
जांच रिपोर्ट में एक और महत्वपूर्ण बिंदु सामने आई है. दस्तावेजों के अनुसार, न्यूरोलॉजिस्ट की राय में कहा गया है कि प्रियंका बिश्नोई की चिड़चिड़ी और अस्त-व्यस्त स्थिति को देखते हुए उन्होंने सीटी ब्रेन की सलाह दी थी, लेकिन यह नहीं किया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि सीटी ब्रेन न करने के कारण की और जांच की जानी चाहिए. यह एक महत्वपूर्ण सवाल है जिसका जवाब ढूंढना आवश्यक है.

 

राजस्थान सरकार ने एसडीएम प्रियंका बिश्नोई की मौत के मामले में नई जांच कमेटी गठित की है. इस कमेटी में प्रमुख डॉक्टर शामिल हैं

- डॉ अशोक गुप्ता, सीनियर प्रोफेसर, न्यूरोसर्जरी विभाग, एसएमएस अस्पताल, जयपुर

- डॉ आर के पूनिया, सीनियर प्रोफेसर, फोरेंसिक विभाग, एसएमएस अस्पताल, जयपुर

- डॉ अनु भंडारी, सीनियर प्रोफेसर, रेडियोलोजी विभाग, एसएमएस अस्पताल, जयपुर

- डॉ प्रतिभा सिंह, एचओडी, गायनी विभाग, एम्स जोधपुर

- डॉ प्रदीप भाटिया, हेड, एनेस्थीसिया विभाग, एम्स अस्पताल जोधपुर


राजस्थान की ताज़ा ख़बरों के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Rajasthan News और पाएं Latest Rajasthan News हर पल की जानकारी. राजस्थान की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!