Jodhpur: ऊंट गाड़ी पर चलती-फिरती लाइब्रेरी, जानें क्या है खासियत
दूर-दराज के गांव और ढाणियों में बच्चों के लिए ऊंट गाड़ी पर मोबाइल लाइब्रेरी शुरू की गई है.
Jodhpur: जहां एक ओर कोरोना ने बच्चों को शिक्षा से वंचित कर दिया और स्कूलों के बंद होने के बाद ऑनलाइन क्लासों (Online Classes) का दौर शुरू हो गया है. वहीं, कुछ ऐसे भी गाँव ढाणी थे, जहां नेटवर्क नहीं आने से बच्चों को ऑनलाइन क्लास से भी वंचित रहना पड़ा. ऐसे में रेतीले धोरो के बीच बसें दूर-दराज के गांव और ढाणियों में बच्चों के लिए एक अनूठी पहल शुरू हुई है. यहां ऊंट गाड़ी पर मोबाइल लाइब्रेरी (Mobile Library) शुरू की गई है.
जोधपुर जिले के 30 गांवों में ये लाइब्रेरी घूमेगी. इसकी शुरुआत ओसियां से की गई है. पहली बार इस लाइब्रेरी को गुब्बारों और फूलों से सजाकर गांवों तक पहुंचाया गया. यह प्रदेश की पहली मोबाइल लाइब्रेरी है, जो ऊंट गाड़ी (Camel Cart) पर शुरू हुई है. गांव में पहुंचने के बाद जब बच्चों को इस बारे में बताया गया तो उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई. चौपाल लगाकर इन बच्चों को किताबों के संसार के बारे में जानकारी दी गई.
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अंतरराष्ट्रीय रीडिंग कैंपेन 2021 के तहत मोबाइल लाइब्रेरी की हुई शुरुआत
रूम टू रीड और जिला प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय रीडिंग कैंपेन 2021 (International Reading Campaign 2021) के तहत इस मोबाइल लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है. ऊंट गाड़ी पर ये लाइब्रेरी 8 सितंबर तक ओसियां कस्बे के गांवों में घूमेगी. इसमें करीब 1500 किताबें (Books) हैं, जिनमें सबसे ज्यादा स्टोरी और ड्राइंग की हैं. इस लाइब्रेरी में एक स्टोरी टेलर (Story Teller) भी होगा, जो बच्चों को कहानियां सुनाएगा.
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ने क्या बताया
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी जोधपुर भल्लूराम खीचड़ (Bhalluram Khichad) और एसीबीईओ सुरजीतसिंह यादव (Surjit Singh Yadav) ने बताया कि शिक्षा विभाग और रूम टू रीड (Room to Read) संस्था के सहयोग से बच्चों को घर पर ही पढ़ने और सीखने के लिए इस मोबाइल लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है. रूम टू रीड कैंपेन के तहत "नहीं रुकेंगे नन्हे कदम, घर पर भी सीखेंगे हम", "मैं जहां, सीखना वहां", "इंडिया गेट्स रीडिंग एट होम", की थीम रखी गई है.
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सरपंच ने हरी झंडी दिखाकर मोबाइल लाइब्रेरी को किया रवाना
लाइब्रेरी जहां जाती है वहां, यदि टीचर नहीं है तो पैरेंट्स को बच्चों को किताब पढ़कर विषय के बारे में समझाना होता है. यदि आसपास कोई टीचर होता है तो पैरेंट्स की जगह वह बच्चों को कहानियां पढ़कर सुनाता है और मतलब समझाता है. यह लाइब्रेरी जहां जाती है, वहां के स्कूल में किताबें रखकर आ जाती है. यदि किसी बच्चे को किताब पढ़ना हो तो स्कूल से इशू करा सकते हैं. गुरूवार को राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रावतबेरा सिरमण्डी में सरपंच हनुमानराम विश्नोई (Hanumanram Vishnoi) ने हरी झंडी दिखाकर मोबाइल लाइब्रेरी को रवाना किया.