Jodhpur: जिले की बापिणी तहसील के रायमलवाड़ा गांव के सेवण घास प्रोजेक्ट में सामूहिक लाह का हुआ. ढोल और डीजे की धुनों पर सामूहिक श्रमदान से सैकड़ों ग्रामीणों ने अनूठी मिशाल पेश करते हुए नया इतिहास रचा. इस दौरान सैकड़ों ग्रामीणों ने सेवण घास प्रोजेक्ट में सामूहिक रूप से खरपतवार बिलायती बबूल, बिपने बिवने, सोनामुखी निकाले. इस कार्य के चलते चारागाह और गौचर विकास के लिए रायमलवाड़ा प्रदेश में रोल मॉडल बन गया. निजी कार्यों के लिए तो पूर्व में भी लाह का आयोजन होता रहा है,लेकिन सार्वजनिक कार्य के लिए इस तरह की पहली लाह का आयोजन, सेवण घास प्रोजेक्ट रायमलवाड़ा में देखने को मिला. जिसमें सैकड़ों ग्रामीणों ने सामूहिक सहयोग की भावना का नजारा पेश किया. 


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क्या है लाह


लाह मारवाड़ में आयोजित होने वाली एक ऐसी परम्परा है, जिसमें पारस्परिक सामूहिक सहयोग देखने को मिलता है. लाह में ग्रामीण सामूहिक रूप से किसी किसान के कृषि कार्यों में मदद करते हैं. रायमलवाड़ा में आयोजित हुई लाह में ग्रामीणों ने सार्वजनिक रूप से गौचर भूमि, व चारागाह विकास लिए स्पेशल लाह का आयोजन किया था. रायमलवाड़ा के ग्रामीणों द्वारा इससे पहले भी सामूहिक सहयोग के अनेक कार्य किये गये हैं. जिसमें मुख्य रूप से गांव को नशामुक्त बनाना, हजारों बीघा गौचर भूमि से बबूल की झाड़ियों का सफाया करना, सैकड़ों ट्रैक्टरों द्वारा कुछ ही घण्टों में सैकड़ों बीघा गौचर भूमि की खड़ाई कर सेवण घास लगाना, सैकड़ों ट्रैक्टरों द्वारा गौचर भूमि की खड़ाई का ड्रोन कैमरा द्वारा निर्मित वीडियो का भव्य नजारा जो पूरे भारत में टॉप ट्रेंड हुआ था, इससे प्रेरणा लेकर अनेक गांवों में चारागाह विकास के प्रयास किये गये. रायमलवाड़ा में आयोजित हुई सामूहिक लाह में सैकड़ों ग्रामीण उमड़ पड़ें जिनमें बड़े बुजुर्ग, युवा और महिलाओं की भी बड़ी संख्या में भागीदारी रही. 


Reporter- Bhawani Bhati


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