Chandra Grahan 2023: 28 अक्टूबर को चंद्रग्रहण के साये में मनेगी शरद पूर्णिमा, गलती की तो अमृत खीर बन जाएगी जहर
Chandra Grahan 2023: इस बार चंद्र ग्रहण होने के कारण खीर को खुले स्थान पर नहीं रखा जाएगा. ऐसे में आज की रात अगर खीर बनाकर रखते है तो आपका ये खीर कई बिमारियों से युक्त होगा. जो आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है.
Chandra Grahan Sharad Purnima 2023: इस बार शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण का प्रभाव भी पड़ने वाला है. इस बार 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा चंद्रग्रहण के साये में होगी. शरद पूर्णिमा के समय इस बार यह ग्रहण भारत समेत कई देशों में दिखाई देगा. यूरोप एशिया पर इसका असर देखा जा सकेगा. इस बार चंद्र ग्रहण के कारण पूजा का समय सूतक काल लगने से पहले कर ले. 28 अक्टूबर को शाम को 4 बजकर 5 मिनट से सूतक काल लग जाएगा उससे पहले ही पूजा कर लें.
28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा चंद्रग्रहण के साये में
अब ऐसे में लोगों के मन में बड़ी दुविधा है कि क्या शरद पूर्णिमा की खीर पर ग्रहण लग जाएगा. क्या इस बार आसमान से नहीं बरसेगा अमृत. अगर बरसेगा तो नीचे आते आते ये अमृत बन जाएगा जहर. ऐसे में क्या होगा इस बार, क्या इस बार रह जाएंगे वंचित अमृत खीर से.
अमृत खीर बन जाएगा जहर
दरअसल इस बार शरद पूर्णिमा पर साल का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है तो उसी दिन चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है. शरद पूर्णिमा को लेकर ये मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और अमृत की बरसात करता है. लेकिन इस बार जब शरद पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण एक साथ होंगे तो चंद्रमा को खीर कब और कैसे अर्पित करने को लेकर बड़ा सवाल पैदा हो गया.
सूतक काल आरंभ होने से पहले करें ये काम
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया अफ्रीका उत्तरी अमेरिका, प्रशांत और हिंद महासागर और अंटार्कटिका के विभिन्न स्थानों में दिखाई देने वाला है. ज्योतिषाचार्य विनोद शास्त्री ने बताया चंद्र ग्रहण का प्रभाव भारत के कई हिस्सों के साथ साथ विश्व पर भी दिखाई देगा. इसका अलग ही नजारा देखा जा सकेगा. 1 घंटा 19 मिनट का समय इस ग्रहण के होने का माना गया है. इस बार तीस वर्ष के बाद ऐसा संयोग बना है कि शरद पूर्णिमा पर चन्द्र ग्रहण का साया रहेगा. इस कारण महालक्ष्मी पूजन नहीं हो सकेगा.
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इस वर्ष अक्टूबर में पूर्णिमा समय पर रात में चंद्र ग्रहण लगने वाला है. ज्योतिष अनुसार चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार 28 और 29 अक्टूबर की मध्यरात्रि 01:05 पर आरंभ होगा और मध्यरात्रि 02:24 पर इसका मोक्ष काल होगा समाप्त होगा. सूतक काल का आरंभ शनिवार 28 अक्टूबर को ही दोपहर से आरंभ हो जाएगा. ग्रहण के दौरान लोग चन्द्र देव के मंत्रों का जाप करें. सूतक काल आरंभ होने से पहले खाने- पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते या कुश डाल सकते हैं.
अब इस बार लगने वाला चंद्र ग्रहण मेष राशि पर लगेगा तथा अश्विनी नक्षत्र पर इसका प्रभाव होगा. इसी के साथ ही शरद पूर्णिमा के दिन रात के समय खीर बनाकर खुले स्थान पर रखा जाता है जहां पर चंद्रमा की किरणें उस खीर पर पड़े. जिससे उसमें ऐसे तत्व मिश्रित हो जिससे कई बीमारियों का इलाज होता हो, लेकिन इस बार चंद्र ग्रहण होने के कारण खीर को खुले स्थान पर नहीं रखा जाएगा. ऐसे में आज की रात अगर खीर बनाकर रखते है तो आपका ये खीर कई बिमारियों से युक्त होगा. जो आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है.