Ratha Saptami 2024: क्रीड़ा भारती की ओर से अल्बर्ट हॉल में सूर्य रथ सप्तमी पर सामूहिक 108 सूर्य नमस्कार का आयोजन किया गया है. आधायात्म के अनुसार सूर्य, ऊर्जा और शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है. यह शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाने के साथ, शरीर पर बेहतर नियंत्रण बनाने, मन को शांति देने, संतुलित ऊर्जा,आंतरिक शांति प्रदान करने में मददगार माना जाता है.


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हिंदू धर्म में माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सूर्य रथ सप्तमी मनाई जाती है. यह दिन विशेष रूप से भगवान सूर्य की पूजा के लिए समर्पित है. सनातन धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, रथ सप्तमी वाले दिन भगवान सूर्य देव की उपासना करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और परिवार में सुख समृद्धि की बढ़ोतरी होती है. ज्योतिष शास्त्र में तो कई उपाय ऐसे भी बताए गए हैं, जो की रथ सप्तमी वाले दिन करने से इंसान का भाग्य सूर्य की तरह चमकने लगता है. 


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आज पूरे देश में रथ सप्तमी मनाई जा रही है. यह दिन भगवान सूर्य देव को बहुत प्रिय है. मान्यता है कि इस दिन सुबह सवेरे नहाने के बाद उगते हुए सूर्य को जल दिया जाता है. यह जल तांबे के लोटे में चढ़ाया जाता है. इस दौरान इसमें चावल, लाल फूल, कुश और लाल चंदन डालकर खुशी मन से भगवान सूर्य की तरफ मुख करके कलश को छाती के बीचों-बीच रखकर सूर्य देव के मंत्र का जाप करते हुए जल की धारा प्रवाहित की जाती है और भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर लाल पुष्प अर्पित किए जाते हैं. 


आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ 
वाल्मीकि रामायण में बताया गया है कि रथ सप्तमी के दिन आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. यह अगस्त्य ऋषि के द्वारा भगवान श्री राम को रावण पर विजय प्राप्ति के लिए दिया गया था. रथ सप्तमी के दिन इसका पाठ कर लेने मात्र से कई कष्टों का निवारण हो सकता है. वहीं, जो लोग नियमित रूप से आदित्य स्तोत्र पाठ का पाठ करते हैं, उन्हें तनाव, शत्रु कष्ट, हृदय रोग, मानसिक कष्ट और असफलताओं पर विजय मिलती है. इतना ही नहीं, यह स्रोत मनुष्यों को कई तरह के कष्टों-पापों को अंत, शत्रुओं से मुक्ति, सर्व कल्याणकारी, ऊर्जा, आयु और प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला माना जाता है.


मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती
शास्त्रों के मुताबिक, रथ सप्तमी के दिन भगवान सूर्य देव के निमित्त व्रत रखने से कई शारीरिक पीड़ाओं से राहत मिलती है. इसे रखने से शरीर तो निरोगी होता ही है, इसके साथ ही अशउभ फल भी शुभता में बदल जाते हैं. मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें धन-यश, उत्तम स्वास्थ्य और मान सम्मान की प्राप्ति होती है हालांकि इस दिन नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए. सूर्य रथ सप्तमी वाले दिन गेहूं, गुड़, पीले लाल वस्त्र, तांबे का बर्तन, लाल चंदन, माणिक्य आदि चीजों का श्रद्धा के अनुसार दान किया जा सकता है.