दूषित पानी पीने से उल्टी-दस्त के सैकड़ों मरीज अस्पताल में भर्ती, कलेक्टर ने जाना हाल
हिण्डौन में नलों से आ रहे दूषित पानी के चलते फैली उल्टी दस्त की बीमारी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रही है. लगातार बढ़ रहे मरीजों की संख्या के बीच मंगलवार को सुबह एक 12 वर्षीय बालक की उल्टी दस्त के कारण मौत हो गई.
करौली: हिण्डौन में नलों से आ रहे दूषित पानी के चलते फैली उल्टी दस्त की बीमारी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रही है. लगातार बढ़ रहे मरीजों की संख्या के बीच मंगलवार को सुबह एक 12 वर्षीय बालक की उल्टी दस्त के कारण मौत हो गई. वही मामला बढ़ता देख जलदाय विभाग और प्रशासन अब पानी के सैंपल लेकर जांच में जुटा है.
मामले की जांच करने पहुंचे जलदाय विभाग हिंडौन के अभियंताओं का शहर के लोगों ने घेराव कर जमकर खरी-खोटी सुनाई. मंगलवार को कलेक्टर अंकित कुमार सिंह भी हिंडौन के जिला अस्पताल पहुंचे तथा मरीजों के हालचाल जानकर जलदाय विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. इसके बाद कलेक्टर ने प्रभावित क्षेत्र का भी निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया.
कलेक्टर ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति रोक दी है, जिससे इंफेक्शन और नहीं फैले. उन्होंने बताया कि पानी के सैंपल लिए हैं, जिसकी जांच आने के बाद पता चलेगा कि पानी सोर्स से दूषित हुआ है या फिर पाइप लाइन में लीकेज के कारण. उन्होंने कहा कि पीड़ित मरीजों को समय पर उपचार उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं.
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90 लोगों को हिंडौन अस्पताल में भर्ती कराया गया
उल्लेखनीय है कि हिंडौन के चौबे पाड़ा, दुब्बे पाड़ा, काना हनुमान पाड़ा, पाठक पाड़ा, जाट की सराय, गुलशन कॉलोनी, बाईपास सहित कई कॉलोनी के सैकड़ों लोगों को जलदाय विभाग द्वारा एक ही टंकी से पेयजल आपूर्ति की जाती है. 2 दिन पहले दूषित पेयजल आपूर्ति के कारण उल्टी दस्त के मरीज आना शुरू हुआ जो अभी तक नहीं थमा है. इन कॉलोनी के करीब 100 से अधिक लोग उल्टी दस्त से पीड़ित बताए जा रहे हैं. जिनमें से 90 से अधिक लोगों को हिण्डौन के जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया. वहीं 11 बच्चों सहित 17 से अधिक मरीजों को चिकित्सक ने गंभीर हालत में जयपुर रेफर किया है.
लोगों में जलदाय विभाग और प्रशासन के खिलाफ आक्रोश
हिण्डौन के शाहगंज निवासी 12 वर्षीय देव कुमार पुत्र गिरधारी कोली को दूषित पानी पीने के कारण रात को अचानक उल्टी दस्त शुरू हुए. जिसके बाद परिजन मंगलवार सुबह बालक को हिंडौन के जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बालक की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मचा है. वहीं लोगों में जलदाय विभाग और प्रशासन के खिलाफ आक्रोश और भय व्याप्त है. लोगों को कहना है कि दूषित पेयजल आपूर्ति की शिकायत उन्होंने कई बार जलदाय विभाग व प्रशासन को की लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया. जिससे मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती गई.
कई इलाकों से पानी के लिए गए सैंपल
लोगों का कहना है कि नलों से दूषित पेयजल की आपूर्ति हो रही है. क्षेत्र में 50 वर्ष पुरानी पाइप लाइन और टँकी की सफाई नहीं होने से लोगों के घरों तक गंदा पानी पहुंच रहा है. मामला बढ़ता देख विभाग के अभियंता मौके पर पहुंचे तो लोगों ने उनका घेराव किया और जमकर खरी-खोटी सुनाई. जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ पुष्पेंद्र गुप्ता ने पुरानी आबादी क्षेत्र में मेडिकल टीम भेजकर सर्वे कराया. साथ ही कई स्थानों से पानी के नमूने संकलित कर जांच के लिए भेजे हैं. लगातार बढ़ रहे मरीजों के कारण अस्पताल के वार्ड भी फुल हो गए. शिशु वार्ड में भर्ती दर्जनभर बच्चों सहित दो दर्जन से अधिक रोगियों को रेफर किया गया है. जिला अस्पताल के बेड फुल होने के कारण मेडिकल पर शिशु वार्ड में एक पलंग पर दो से तीन मरीजों का उपचार करना पड़ रहा है.
पाइप लीक होने के चलते आ रहा गंदा पानी
चिकित्सकों का कहना है कि पुरानी आबादी क्षेत्र के मोहल्लों में उल्टी दस्त के प्रकोप में प्रथम दृष्टया दूषित पानी सेवन का कारण सामने आया है. चिकित्सकों ने लोगों को पानी को उबालकर ठंडा करके पीने की सलाह दी है. वहीं, मामले पर एसडीएम सुरेश कुमार हरसोलिया का कहना है कि पुरानी आबादी क्षेत्र में कई स्थानों पर जलापूर्ति की पाइप लाइन में लीकेज मिले हैं. जलदाय विभाग के अभियंताओं को लीकेज की मरम्मत करने के निर्देश दिए हैं. वहीं मंगलवार सुबह कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने अस्पताल पहुंचकर मरीजों के हालचाल जाने तथा जलदाय विभाग के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इसके बाद कलेक्टर प्रभावित कॉलोनी व पानी का टंकी का जायजा लेने भी मौके पर पहुंचे.
Reporter- Ashish Chaturvedi