एग्रो पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने दी बड़ी राहत, अचानक बढ़ेगी यहां के लोगों की कमाई
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एग्रो पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने दी बड़ी राहत, अचानक बढ़ेगी यहां के लोगों की कमाई

ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से राज्य सरकार ने खेतों में बने झौंपड़ों और बाग बगीचों तक पहुंचने के लिए 30 फीट चौड़े रास्ते की बाध्यता हटा दी है. अब किसान खेत में भी देसी-विदेशी पर्यटकों की आव भगत कर सकेंगे.

एग्रो पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने दी बड़ी राहत, अचानक बढ़ेगी यहां के लोगों की कमाई

झुंझुनूं: ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से राज्य सरकार ने खेतों में बने झौंपड़ों और बाग बगीचों तक पहुंचने के लिए 30 फीट चौड़े रास्ते की बाध्यता हटा दी है. अब किसान खेत में भी देसी-विदेशी पर्यटकों की आव भगत कर सकेंगे. बुडाना में रिटायर्ड फौजी जमील पठान और पापड़ा गांव की उदयसिंह की ढाणी में युवा राजेश मिठारवाल ने अपने खेत में पर्यटकों के रुकने की व्यवस्था कर रखी है. यहां हर साल दिल्ली से पर्यटकों का दल आता है. बाइकर्स भी यहां आते रहते हैं.

ऐसे किसानों को सरकारी रिकॉर्ड में इन्हें इसलिए मान्यता नहीं थी कि इनके खेत का रास्ता 30 फीट चौड़ा नहीं है, लेकिन अब सरकार ने नई ग्रामीण पर्यटन योजना 2022 को मंजूरी दी है. इसमें अब खेत का रास्ता 30 फीट चौड़ा होने की बाध्यता हटा दी है. अब 15 फीट चौड़ा रास्ते होने पर भी इन्हें मान्यता मिल जाएगी और ऐसे किसान अपने खेत में पर्यटन इकाई स्थापित कर सकेंगे. इससे ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और इसका ग्रामीणों को फायदा मिलेगा.

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अब 15 फीट चौड़े रास्ते पर खोल सकेंगे कैम्पिंग साइट
राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना-2022 से गांवों में पर्यटन के नए द्वार खुलेंगे. इस योजना का वैसे तो पूरे राज्य को लाभ होगा मगर सबसे ज्यादा फायदा शेखावाटी को होने वाला है. रेत के धोरों को देखने के साथ ही पर्यटक अब खेतों और बाग-बगीचों में भी रुक सकेंगे. पहले खेतों में पर्यटन इकाई स्थापित करने के लिए पहली शर्त 30 फीट चौड़ा रास्ता होने की थी, जिसे नई नीति में घटाकर 15 फीट कर दिया गया है. इसका सर्वाधिक फायदा शेखावाटी के किसानों को होगा. क्योंकि यहां के किसान खेतों में पर्यटन इकाई खोलने को आतुर हैं, लेकिन खेतों का रास्ता 15 फीट से ज्यादा चौड़ा नहीं होता है.

खुलेंगे नए एग्रो प्रोजेक्ट

पर्यटन विभाग को सहायक निदेशक देवेंद्र चौधरी ने बताया कि नई योजना से राजस्थान में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. किसान अपने खेतों में एग्रो पर्यटन की व्यवस्था कर देसी विदेशी पर्यटकों को नया अनुभव कराने को तैयार हैं. पहले सबसे बड़ी समस्या तीस फीट चौड़े रास्ते की थी. इसे अब घटाकर पंद्रह फीट कर दिया गया है. अब तमाम नए प्रोजेक्टों को अनुमति मिल सकेगी.

एग्रो पर्यटन को बढ़ावा और गांवों में खुल सकेंगे होटल

बुडाना गांव में रिटायर्ड फौजी जमील पठान ने एग्रो पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इकाई स्थापित की है. नई नीति से वह अपने खेत में विदेशी पर्यटक रुकवा सकेंगे. अब पठान को बिल्डिंग प्लान के अनुमोदन की जरूरत नहीं पड़ेगी. रास्ता भी 15 फीट पर्याप्त रहेगा. मंडावा से मुकुंदगढ़ व अन्य मार्गों पर ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे होटलों का ट्रेंड चल रहा है. पहले होटल के लिए सरकारी दफ्तरों में चक्कर लगाने पड़ते थे. अब एग्रो पर्यटन इकाई व कैरावेन पार्क खोलना बेहद आसान हो गया है.

खेतों में कर सकेंगे पर्यटकों की खातिरदारी

उदयपुरवाटी क्षेत्र के पापड़ा गांव की उदयसिंह की ढाणी में युवा राजेश मिठारवाल ने अपने खेत में पर्यटकों को रुकवाने की व्यवस्था कर रखी है. यहां हर साल दिल्ली से पर्यटकों का दल आता है. बाइकर्स भी यहां आते रहते हैं. नई पर्यटन योजना से और फायदा मिलेगा. योजना के तहत 15 फीट चौड़ी सड़क पर न्यूनतम 1000 वर्गमीटर एवं अधिकतम 2 हैक्टेयर कृषि भूमि पर ऐसी चार प्रकार की इकाइयां अनुमत होंगी. इन इकाइयों को भू-संपरिवर्तन एवं बिल्डिंग प्लान अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी. इनमें स्टाम्प ड्यूटी में 100 प्रतिशत की छूट सहित कई प्रावधान किए गए हैं.

Reporter- Sandip Kedia

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