Karauli: कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने और चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने से मंडरायल और करणपुर क्षेत्र के गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. स्थिति देख ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने कलेक्ट्रेट सभागार में आपदा प्रबंधन की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करने और व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने कलेक्ट्रेट सभागार में आपदा प्रबंधन की बैठक लेकर अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में गांव टापू बन गए हैं और लोगों से पूरी तरह से संपर्क टूट गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए, जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आपदा प्रबंधन की बैठक ली. उन्होंने अधिकारियों को मौके पर पहुंच कर वास्तविक स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान प्रभावित गांवों के हालातों और व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की है. वहीं, प्रभावित क्षेत्र में रेस्क्यू कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाने और लोगों के राशन सहित हर प्रकार से मदद करने के लिए आदेश दिए हैं. 


लोगों के पास हर तरह की मदद पहुंचे


मंत्री रमेश मीना ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में हालात खराब हैं, किसी भी प्रकार की जन हानि ना हो और लोगों के पास हर प्रकार की मदद पहुंचे, इसको लेकर अधिकारियों को निर्देशित किया है. उन्होंने कहा कि अगर हेलीकॉप्टर, एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस टीम सहित किसी भी की मदद की जरूरत है तो सरकार से मांग करें. सरकार की ओर से हर संभव मदद की जाएगी और साथ ही मुआवजे संबंधी प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने के दिशा-निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने कहा कि वह आपदा की इस घड़ी में किसानों और आमजन के साथ हैं. बैठक में जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.


Reporter- Ashish Chaturvedi


ये भी पढ़ेंबारां में कालीसिंध नदी के उफान से एनएच 27 की सेफ्टीवॉल टूटी, 700 लोग रेस्क्यू, भगवान की आरती भी मंदिर के बाहर


Rajasthan Covid Update: सतीश पूनिया हुए कोविड पॉजिटिव, बुधवार को कोरोना के मिले 495 नए मरीज


अपने जिले की खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें