बारां में कालीसिंध नदी के उफान से एनएच 27 की सेफ्टीवॉल टूटी, 700 लोग रेस्क्यू, भगवान की आरती भी मंदिर के बाहर
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1318340

बारां में कालीसिंध नदी के उफान से एनएच 27 की सेफ्टीवॉल टूटी, 700 लोग रेस्क्यू, भगवान की आरती भी मंदिर के बाहर

बारां जिलें में बाढ़ में फंसे 700 से अधिक लोगों का सेना और एसडीआरएफ ने रेस्क्यू किया. अन्ता और मांगरोल क्षेत्र के भैरूपुरा, कालूपुरा और छीपाबड़ौद के नीमथूर गांव के लोगों को राहत मिली है.

बारां में कालीसिंध नदी के उफान से एनएच 27 की सेफ्टीवॉल टूटी, 700 लोग रेस्क्यू, भगवान की आरती भी मंदिर के बाहर

Baran : राजस्थान के बारां जिले के अंता में काली सिंध नदी के उफान के चलते काली सिंध नदी की पुलिया के अंतिम छोर के किनारे पर पानी का कटाव हो जाने से नेशनल हाइवे 27 की एक साइड की सेफ्टीवाल टूट गईं, ऐसे मे नेशनल हाइवे से गुजरने वाले वाहनों को वन वे किया गया और साथ ही हाइवे पर पुलिस जब्ता तैनात किया गया है.

fallback

बता दें की काली सिंध नदी की पुलिया के पास हुए पानी के कटाव को रोकने के लिए कल से एनएच द्वारा युद्ध स्तर से कार्यशुरू किया गया. पानी के कटाव के स्थान पर मिट्टी से भरे कट्टे डाले गए है. साथ ही जेसीबी से गिट्टी डालकर कटाव को रोका गया जा रहा है. वही 2 दिनों से यातायात को काली सिंध पुलिया से वन वे किया गया है.

Flood In Rajasthan : राजस्थान में कई जिलों में बाढ़ के हालात, उफान पर नदियां, लबालब बांध

इधर बारां जिलें में बाढ़ में फंसे 700 से अधिक लोगों का सेना और एसडीआरएफ ने रेस्क्यू किया. अन्ता और मांगरोल क्षेत्र के भैरूपुरा, कालूपुरा और छीपाबड़ौद के नीमथूर गांव के लोगों को राहत मिली है. छबड़ा-छीपाबड़ौद उपखंड के नीमथूर गांव में बाढ़ से घिरे सेना के जवानों ने बुधवार को करीब 81 जनों और मांगरोल-अन्ता विधानसभा क्षेत्र के भैरूपुरा, कालूपुरा और बालदड़ा गांवों से लगभग 490 जनों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला.

fallback

वसुंधरा राजे ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा
इधर भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने दोपहर में हवाई सर्वेक्षण कर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों के हालात की जानकारी भी ली. जिला कलक्टर नरेन्द्र गुप्ता और एसपी कल्याणमल मीणा ने मांगरोल-अन्ता विधानसभा क्षेत्र के भैरूपुरा, कालूपुरा और बालदड़ा पहुंच हालात का जायजा लिया.

तीनों गांवों से लगभग 170 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है. कलेक्टर नरेन्द्र.गुप्ता ने बताया कि सीसवाली क्षेत्र के भैरूपुरा और कालूपुरा गांवों में कालीसिंध नदी का पानी घुसने से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. बुधवार शाम से कालीसिंध नदी का उफान कम होने लगा है, अब दो-तीन दिन में हालात सामान्य होने की उम्मीद है.

इधर छीपाबड़ौद क्षेत्र के बाढ़ से घिरे नीमथूर गांव में दो दिन से फंसे लोगों को सेना के जवानों ने नाव की मदद से बाहर निकाला. यहां 81 लोग फंसे हुए थे. बाद में सेना के अधिकारियों ने इनका स्वास्थ्य परीक्षण किया. इस दौरान बड़ी संख्या में आसपास के गांवों के लोग भी मौजूद रहे. नीमथूर में रेस्क्यू अभियान पूरा होने के बाद सेना की टुकड़ी वापस लौट गई.

धौलपुर में चंबल उफान पर, प्रशासन का अलर्ट, पुलिस ने कहा सेल्फी के लिए जान से ना करें खिलवाड़

कालीसिंध नदी में आए उफान से सीसवाली थाना क्षेत्र के पाटोन्दा गांव में कोहराम मचा हुआ है. ये जिला प्रशासन ने एसडीआरएफ और एनडीआरफ की टीमों ने पाटोंदा और बालदड़ा गांवों से 322 लोगों को निकाल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है, इनके ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था भी गई है. जिला कलक्टर नरेन्द्र गुप्ता और पुलिस अधीक्षक कल्याणमल मीणा मौके पर पड़ाव डाल हालात पर निगाह रखे हुए हैं.

fallback

पाटोंदा गांव पहुंचने के लिए एक खाल में होकर जाना पड़ता है. ये खाल पूरे उफान पर है. जबकि गांव के दूसरी ओर कालीसिंध नदी है, जिसका पानी भी गांव में पहुंच गया है. इस गांव में दर्जनों की संख्या में कच्चे और कवेलूपोश मकान जमींदोज हो गए है. कलेक्टर नरेन्द्र गुप्ता का कहना है, की जिले में से हुए नुकसान को लेकर अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता. राजस्व और प्रशासनिक अधिकारियों को बारिश से हुए नुकसान का सर्वे करने के आदेश दिए है. जिला प्रशासन की टीमें उन जगहों पर पहुंच रही हैं, जहां हालात बिगड़े हुए हैं.

fallback

बारां के अंता में आधा दर्जन गांव पानी से घिरे हैं. ऐसे मे प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है, हालांकि की किसी तरह की फिलहाल कोई जनहानि नहीं हुई. काली सिंध के उफान के चलते पलायथा, रायपुरिया, लड़वादा, बालदडा, पाटोन्दा और हनोतिया गांव इसकी चपेट मे आ गए ऐसे मे लोगों को प्रशासन द्वारा सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया .

इसी तरह नागदा के धार्मिक स्थल शिव मंदिर के चारों तरफ पानी भर जाने से मंदिर के गेट को बंद करना पड़ा, ताकि किसी तरह की कोई अनहोनी न हो सके. यहां मंदिर नदी से 70 फ़ीट ऊपर होने के बावजूद पानी से घिर गया. ऐसे मे पुजारी को मंदिर से बाहर पूजा अर्चना करनी पड़ी . यहां शिव मंदिर तक पूर्व मे 1996 मे ऐसे हालत बने थे 

रिपोर्टर-राम मेहता

अन्य खबरें

सिरोही में रेस्क्यू में लगे SDRF के जवान बहे, बूंदी में 8 गांव में बाढ़, जालोर में मूसलाधार बारिश

बारां की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

 

Trending news