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करौली: पांचना बांध से नहर में पानी निकासी मामले को लेकर पांचना संघर्ष समिति से जुड़े 39 गांव के लोगों ने निगरानी शुरू की है. 20 दिसंबर तक लगातार प्रतिदिन अलग-अलग तय गांवों के लोग निगरानी करेंगे.  पांचना बांध पर तय कार्यक्रम के अनुसार, गुडला के देवनारायण मन्दिर मैदान में आयोजित महापंचायत के निर्णय अनुसार निगरानी शुरू की है. पांचना संघर्ष समिति सहित 39 गांवों व नदी किनारे बसे 360 गांवों के ग्रामीणों द्वारा तय किया गया है की 20 दिसंबर को पांचना बांध पर महापंचायत होगी. महापंचायत से पूर्व ग्रामीणों द्वारा पांचना बांध पर निगरानी रखी जाएगी.


39 गांवों की कमेटी का गठन


पुलिस एवं प्रशासन पर क्षेत्र के 40 से ज्यादा लोगों को नोटिस के आधार पर समन भेजने को लेकर आक्रोश व्याप्त है. ग्रामीणों का कहना है कि वो न्यायालय का सम्मान करते हैं. लेकिन किसान किसान बराबर है. चाहे वो कमांड क्षेत्र का हो या पांचना बांध या नदी क्षेत्र का सभी को पानी मिलना चाहिए. आंदोलन की रणनीति के तहत पांचना बांध पर निगरानी के लिए 39 गांवों की कमेटी का गठन किया है. जो दिन-रात 20 दिसंबर को महापंचायत होने तक बांध पर निगरानी रखेगी.


हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पानी की निकासी


गुर्जर नेता भानू प्रताप गुर्जर ने बताया कि गत 17 वर्ष से क्षेत्र के 39 गांवों में पेयजल व सिंचाई के लिए पानी की मांग की जा रही है. बताया गया है कि बांध का निर्माण क्षेत्र की पांच नदियों को रोककर किया है. 39 गांवों के खेतों को पानी नहीं मिलने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा. भानु प्रताप सिंह ने बताया कि मामले का समाधान नहीं होने और 20 दिसंबर को महापंचायत नहीं होने तक क्षेत्रीय लोगों द्वारा पांचना बांध पर निगरानी की जाएगी. बता दें कि हाईकोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार जिला प्रशासन को पांचना बांध से नहरों में पानी निकासी की जानी है, लेकिन दोनों ही पक्षों द्वारा सहमति नहीं बनने पर मामले का समाधान नहीं हुआ है.


Reporter- Ashish Chaturvedi