किसान महासभा में जुटेंगे 200 गांवों के किसान, चंबल के पानी के लिए करेंगे आवाज बुलंद
टोडाभीम के भोपुर-बहादुरपुर पर एनिकट के पास किसान महासभा होगी. किसान महासभा में 200 गांवों के किसान जुटेंगे. किसान चंबल के पानी के लिए आवाज बुलंद करेंगे.
Todabhim: पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान संघर्ष समिति के आव्हान पर शनिवार को सुबह 11 बजे टोडाभीम के गांव भोपुर-बहादुरपुर की गंभीर नदी के एनीकट के पास किसान महासभा आयोजित होगी. जिसमें 200 गांवों के किसान एकजुट होकर चंबल के पानी के लिए आवाज बुलंद करेंगे.
इस महासभा को किसान नेता रामनिवास मीना सहित उत्तरी-पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के किसान प्रतिनिधि एवं पंच-पटेल संबोधित करेंगे. इस दौरान सरकार से ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग प्रमुखता से की जाएगी.
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना और गंभीर नदी क्षेत्र के 27 गांवों के आव्हान पर आयोजित होने वाली इस किसान महासभा को सफल बनाने के लिए पंच-पटेलों और कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव में जनसंपर्क के साथ महिला-पुरूषों को पीले चावल बांटकर आमंत्रित किया है.
इसके साथ किसान संघर्ष समिति के पदाधिकारियों और ग्रामीण पटेलों ने नुक्कड़ सभा के माध्यम से आमजन को ईआरसीपी के बारे में विस्तार से जानकारी दी है. किसान संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना ने उत्तरी-पूर्वी राजस्थान के करौली जिला सहित 13 जिलों के निवासी लोगों से अपील की है कि वे अधिकाधिक संख्या में किसान महासभा में शामिल होकर चंबल के पानी के लिए आवाज बुलंद करें, ताकि पेयजल और सिंचाई की समस्या का स्थायी समाधान हो सके.
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक अमर सिंह नीमरोट, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश गुर्जर, प्रदेश महामंत्री भरत सिंह डागुर, प्रदेश मीडिया प्रभारी दीनदयाल सारस्वत, महिला प्रकोष्ठ की प्रदेशाध्यक्ष संगीता गुर्जर, युवा प्रदेशाध्यक्ष हरिमोहन आजाद, देवेन्द्र खटाना, युवा जिलाध्यक्ष हिम्मत सिंह ताजपुर, आशीष आवाना, रूद्र भोपुर आदि कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को क्षेत्र के गांवों में जाकर जनसंपर्क किया है. इस दौरान 200 गांवों के लोगों ने विश्वास दिलाया है कि अधिकाधिक संख्या में किसान महासभा में शामिल होकर सरकार से ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए आवाज बुलंद करेंगे.
Reporter- Ashish Chaturvedi