Karauli Goat: किसानों की आय को दोगुना कर रही `करौली गोट`, कम समय में हो रहा सालों में होने वाला मुनाफा
Rajasthani famous goat: करौली में बकरी पालन के क्षेत्र में एक नए आयाम की शुरुआत हुई है, जहां एक नई नस्ल `करौली गोट` की खोज की गई है. यह नस्ल राजस्थान की प्रमुख पांच बकरी नस्लों में शामिल है और देशभर की 34 विख्यात बकरी नस्लों में भी इसका विशेष स्थान है.
करौली गोट की विशेषताएं हैं उच्च गुणवत्ता वाला मांस, अधिक दूध उत्पादन, मजबूत और स्वस्थ शरीर, और अनुकूल जलवायु परिस्थितियों में पालने योग्य है. इस नई नस्ल की खोज से करौली को देशभर में पहचान मिली है और बकरी पालन के क्षेत्र में एक नए आयाम की शुरुआत की है. इस ब्रीड से राजस्तान के किसानों की आय में भी उछाल आया है.
करौली में बकरी पालन के क्षेत्र में एक नई उपलब्धि हासिल की गई है. बकरी की नई नस्ल "करौली गोट" अब किसानों को बहुत ही कम समय में अधिक लाभ देने के जानी जाती है.
यह नस्ल दोहरे परपज में बहुत ही लाभकारी है, जिसमें प्रतिदिन 2 लीटर दूध उत्पादन, उच्च गुणवत्ता वाला मांस, 35-40 किलो वजन, 12 महीने में यौवनावस्था और 15-16 महीने में बच्चे देने की क्षमता है.
मिली जानकारी के मुताबिक करौली नस्ल की बकरी कोई विशेष बकरी की नस्ल नहीं है, बल्कि यह जमुनापारी और जखराना बकरी की क्रॉस ब्रीड है.
दोनों नस्लें उच्च गुणवत्ता वाली हैं और उनके क्रॉस ब्रीड होने से करौली गोट में मांस उत्पादन अधिकतम हुआ है. यह क्रॉस ब्रीडिंग का परिणाम है कि करौली गोट में दूध और मांस दोनों का उत्पादन उच्च स्तर पर होता है, जो इसे एक लाभकारी नस्ल बनाता है.