Bundi: राजस्थान के बूंदी जिले में ऑपरेशन समानता के तहत चड़ी गांव में दलित दूल्हे की घोड़ी पर बिंदोरी निकाली गई. वहीं, मेघवाल समाज के दूल्हे की घोड़ी पर बिंदोरी निकलने पर पूरा गांव खुशी से झूम उठा. क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने जिला प्रशासन की इस पहल के लिए सराहा. 


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उल्लेखनीय है कि बूंदी जिले के तालेड़ा के बक्शपुरा निवासी हीरालाल मेघवाल ने 7 जनवरी को  कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अपने बेटे की शादी में घोड़ी पर बिंदोरी निकालने की अनुमति मांगी थी. हीरालाल मेघवाल ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर यह बताया था कि चड़ी गांव में मेघवाल समाज के दूल्हे को कभी भी घोड़ी पर बैठाकर बिंदोरी नहीं निकाली गई. पहली बार मेघवाल समाज के दूल्हे की बिंदोरी गांव से होकर निकाली जाएगी, जिसमें असामाजिक तत्वों की ओर से विरोध करने की आशंका है.  हीरालाल मेघवाल की अपील को गंभीरता से लेते हुए  कलेक्टर रेणु जयपाल ने पत्र को एसपी के पास भेजा और गांव में बिंदोरी निकालने के आदेश दिए. कलेक्टर रेणु जयपाल ने कहा कि दलित दूल्हों को घोड़ी से उतारने की घटनाएं समाज के लिए कलंक हैं. हमारा यह प्रयास है, कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं हों. गांवों में सामाजिक सद्भाव बना रहे.


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बूंदी जिले के पुलिस अधीक्षक जय यादव ने बताया कि ऑपरेशन समानता का मुख्य उद्देश्य आमजन को उनके संवैधानिक और कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना है और सामाजिक समरसता के साथ पुरानी परंपराओं को तोड़कर दलित वर्ग को उनके अधिकार दिलाना है. हमारा प्रयास है कि इसके लिए सर्व समाज खुद ही पहल करें.  


इसी क्रम में जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक चड़ी गांव पहुंचे और अपनी मौजूदगी में मेघवाल दूल्हे की बिंदोरी निकलवाई. दूल्हे पर  फूलों की वर्षा की गई और नव युगल को आशीर्वाद दिया. साथ हीं, ग्रामीणों को संदेश दिया कि इस तरह की घटनाओं को समाज से हमेशा के लिए मिटा दें.