Baran: शहर में सुबह से ही पतंगबाजी का दौर शुरू
झुग्गी झोपड़ियों के निवासी ऐसे बच्चे जो तंग और डोर नहीं खरीद सके, वह बड़े झाड़ लेकर पतंगे लूटने के लिए यहां से वहां दौड़ लगाते रहे.
Baran: बारां मौसम खुलने के साथ ही शुक्रवार को शहर में पतंगबाजों का हौसला परवान चढ़ गया. सुबह 9 बजे के बाद से ही युवा, किशोर और बच्चों ने छतों में तेज आवाज में ईको साउंड पर गाने बजा पतंगों को आसमान दिखाना शुरू कर दिया. दिन चढ़ने के साथ बढ़ती धूप ने इनके हौसलों की उड़ान को गति देना शुरू कर दिया.
शहर में पतंग विक्रेताओं ने सुबह जल्दी की दुकानें खोल ली थी. पिछले चार-पांच दिनों से कोहरा छाए रहने के साथ सर्दी का प्रकोप बढ़ने से युवा पतंगबाज निराश नजर आ रहे थे लेकिन सुबह मौसम खुलने के साथ धूप में तेजी और शीत लहर का असर कम होने से इनकी बांछे खिल गई. शहर के बाबजीनगर, नाकोड़ा कालोनी सहित पुरानी कॉलोनियों में पतंगबाजों का जोश देखते बना. इन क्षेत्रों में बच्चों और युवाओं ने सारे काम छोड़ छतों पर डेरा जमाया और म्यूजिक सिस्टम पर पंजाबी डांस गीतों पर थिरकते हुए पतंग उड़ाना शुरू कर दिया. परिवार के अन्य लोगों ने भी इनकी हौसला अफजाई करने में कसर नहीं छोड़ी.
यह भी पढ़ें - Baran में जनवरी माह में अब तक 167 Corona पॉजिटिव मरीज आए सामने
दस बजे के बाद तो शहर की घनी बस्तियों की छतों पर शोरगुल और भी तेज हो गया. लोगों ने चाय-नाश्ते के साथ पतंगबाजी का आनंद उठाया. झुग्गी झोपड़ियों के निवासी ऐसे बच्चे जो तंग और डोर नहीं खरीद सके, वह बड़े झाड़ लेकर पतंगे लूटने के लिए यहां से वहां दौड़ लगाते रहे. कई बच्चे तो पतंग उनके हिस्से में आने का दावा कर आपस में बहस भी करते रहे. वहीं सरकार के चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध के बावजूद शहर में चोरी-छिपे इसकी बिक्री भी हुई.
मंदिरों में दर्शन के बाद दान
दूसरी ओर अधिकांश लोगों ने सुबह मंदिरों में ठाकुरजी के दर्शन करने के बाद दान-पुण्य किए. शहर के आराध्य श्री जी मंदिर पर तो सुबह मंगला आरती के बाद से श्रद्धालु पहुंचने लगे थे. शृंगार आरती के दौरान यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े, जिन्हें दर्शन के लिए इंतजार करना पड़ा. दर्शन के साथ ही ठाकुरजी को तिल से बने व्यंजनों का प्रसाद अर्पित किया गया.
Reporter: Ram Mehta