100 करोड़ रुपये में बदलेंगे कोटा बैराज, जवाहर सागर और राणा प्रताप सागर डैम के गेट!
ईस्टर्न केनाल परियोजना को लेकर भी जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय उम्मीद जताया है कि इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के बाद प्रदेश के 13 जिले इससे लाभान्वित होंगे.
Kota: जिले की लाइफ लाइन चंबल नदी (Chambal river) और चंबल पर बने तीनों बड़े बांध कोटा बैराज (Kota Barrage), जवाहर सागर और राणा प्रताप सागर तीनों ही डैम उम्रदराज हो गए हैं, जिसको लेकर कई बार रिपोर्ट भी दी गई.
अब तीनों बांधों के गेटों को बदलने का फैसला लिया गया है. 100 करोड़ की राशि तीनों बांधों के गेटों को बदलने में खर्च होगी. यह अहम जानकारी जलसंसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय (Mahendrajit Singh Malviya) ने कोटा में मीडिया से बात करते हुए दी है.
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ईस्टर्न कैनाल बदलेगी सूरत
ईस्टर्न केनाल परियोजना को लेकर भी जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय उम्मीद जताया है कि इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के बाद प्रदेश के 13 जिले इससे लाभान्वित होंगे. हमारी कल्पना है कि 2024 तक शहर और या गांव हर घर तक नल की परिकल्पना हमने की, जिसे पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर काम भी चल रहा है.
नदियों को जोड़ने के लिए उन पर बांध बनाकर पानी रोक बड़े शहरों को पानी की लाइनों के जरिये कनेक्ट करने का काम किया जा रहा है. कोटा में बन रहे नोनेरा डैम को लेकर भी मालवीय ने कहा कि 2023 तक नोनेरा डैम का काम पूरा होने की उम्मीद है, जिसके बाद उसे बीसलपुर तक लेकर जाया जाएगा और बीसलपुरा से से पानी सीधा जयपुर को मिलेगा.