Kota : देश में कोटा वो शहर बन गया है, जहां पशुपालकों के लिए आधुनिक नंदगाव बन गया है. कोटा में देवनारायण एकीकृत पशुपालक योजना तैयार हुई है. जहा कोटा के सभी पशुपालक एक साथ रहेंगे. 300 करोड़ की लागत से तैयार इस योजना में पशुपालकों को रहने के लिए घर, वही पशु बाड़ा ,चारा रखने के लिए खास जगह तो वहा निकलने वाले गोबर से उनके घर की रसोई में गैस से लेकर पशु चिकित्सालय ,बच्चो के लिए स्कूल सब एक जगह ही है. 


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ये शायद देश ही नहीं दुनिया की इकलौती योजना होगी जो पशुपालकों के लिए कुछ इस तरह से डिजाइन की गई. पशुपालकों को एक ही केम्पस में सभी सुविधाएं देगी. कोटा में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के विजन पर नगर विकास न्यास ने ऐसी ही खास योजना तैयार कर साकार की और इसकी सौगात शहर के पशुपालको को दी. 


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पशु पालको को रहने के लिए घर के साथ पशुबाड़ा, उनके चारे को रखने की जगह, कैम्पस में बनाया गया गोबर गैस प्लांट, जिससे पशुओं के गोबर को गोबर गैस प्लांट तक ले जाय जा सके और उससे बनी गैस से पशुपालकों के घर की रसोई तक गैस पहुंचाई जा सके. 
कैम्पस में जानवरों के तालाब, पशु चिकित्सालय, पशुपालकों के बच्चो के लिए स्कूल, और योजना का प्रशाशनिक भवन के साथ सुरक्षा के लिए पुलिस चौकी जैसी सभी व्यवस्थाएं इस योजना में एक साथ एक जगह पर की गई है.


यूडीएच मंत्री शान्ति धारीवाल ने इस योजना की सौगात पशुपालको को दे दी है और कहा की ये देश ही नहीं दुनिया की अपने आप में बेहद खास और अनौखी योजना है. जो सिर्फ कोटा में बानी है. तो अपने आप में खास योजना जो पशुपालकों के जीवन स्तर को बदलेगी ,उन्हें आर्थिक रूप से और मजबूत करेगी वही शहर को केटल फ्री बनाएगी. 


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