Kota: आरटीएच बिल को लेकर डॉक्टर्स और सरकार के बीच चल रही खींचतान का असर मरीजों पर पड़ रहा है. स्थिति यह है कि पहले तो चार दिन से प्राईवेट अस्पतालों में इलाज नहीं मिल रहा था और अब सरकारी अस्पतालों में भी चिकित्सा व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा गई है. इमरजेंसी में भी मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल रहा है. इधर उधर भटकने को मजबूर मरीज और उनके तीमारदार हो रहे हैं. अब सरकारी अस्पतलों में झगड़े की स्थिति बनने लगी है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ऐसा ही नजारा बुधवार को कोटा के एमबीएस अस्पताल में देखने को मिला. जहां एक बुजुर्ग को दिखाने आए परिवार के लोगों और डॉक्टर के बीच कहासुनी हो गई. परिजनों को आरोप था कि उन्हें समय पर इलाज नहीं मिला और डॉक्टर ने नहीं देखा बल्कि इधर उधर भटकाते रहे. स्थिति यह हो गई कि गुस्से में डॉक्टर मरीज के तीमारदार की तरफ आया तो दूसरे स्टाफ ने उसे अंदर खींचा. मरीज बेबस और परेशान है. आरटीएच बिल लागू होने के बाद अब डॉक्टरों का आंदोलन और तेज हो गया है. बालिता के रहने वाले सोनू ने बताया कि उसके पिता की अचानक तबियत बिगड़ गई. उन्हें शुगर और बीपी की शिकायत है. लीवर भी खराब है. अचानक से सांस लेना मुश्किल हो गया तो तुरंत एक निजी अस्पताल लेकर गए. लेकिन वहां इलाज से मना कर दिया तो एमबीएस अस्पताल लेकर आए.


यहां डेढ़ घंटे तक उन्हें इधर उधर घूमाते रहे. लेकिन डॉक्टर ने चेक नही किया. इसके बाद पुराने भवन में इमरजेंसी कमरे में पहुंचे तो वहां भी डॉक्टर ने चेक नहीं किया और इंतजार करने को कहा. सोनू का आरोप है कि इस बात का विरोध किया तो डॉक्टर गाली गलौज करने लगा. इसे लेकर बहसबाजी हो गई. डॉक्टर कमरे से बाहर गुस्से में निकल कर आया तो दूसरे स्टॉफ ने उसे रोका. इसके बाद घरवालों ने अस्पताल की पर्ची फाड़ दी और मरीज को लेकर चले गए.


Reporter: KK Sharma


 


ये भी पढ़ें-


राजस्थान से हरीश चौधरी और दिव्या मदेरणा समेत इन नेताओं को कांग्रेस दे सकती है बड़ी जिम्मेदारी, देखें नाम


राजस्थान में नक्सलवाद के बीज ! मेघवाल बोले- आदिवासियों को मुख्यधारा में नहीं लाया तो माहौल बनेगा हिंसक