कोटा न्यूज: एनजीटी के निर्देश पर गठित चार सदस्य टीम ने दूसरे दिन भी चम्बल रिवर फ्रंट का निरीक्षण किया और आरोपों की जांच की. गुरुवार को चार सदस्यीय टीम रिवर फ्रंट और किशोर सागर तालाब पहुंची और मौका मुआयना किया.


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विजिट के बाद टीम ने कोटा UIT ,फॉरेस्ट विभाग,इरिगेशन विभाग और जिला कलेक्ट्रेट से रिकॉर्ड तलब किया. जिसका टीम सत्यापन करेगी और NGT में दायर याचिका में लगाये गए आरोपों की जांच कर रिपोर्ट NGT के समक्ष पेश की जाएगी.


एनजीटी द्वारा गठित की गई चार सदस्य टीम  सबसे पहले जिला कलेक्ट्रेट पहुंची थी और जिला कलेक्टर से मुलाकात के बाद टीम कुन्हाड़ी स्तिथ रिवर फ्रंट के वेस्ट बैंक पर निरीक्षण करने पहुंची थी.


टीम में जयपुर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल ऑफिसर जैव विविधता बोर्ड के मेंबर,कोटा ADM सिटी और इरिगेशन विभाग के SE को शामिल किया गया है.


गौरतलब है कि कोटा कांग्रेस के UDH मंत्री शांति धारीवाल के ड्रीम प्रोजेक्ट चम्बल रिवर फ्रंट को कोटा UIT ने 1500 करोड़ की लागत से तैयार किया है लेकिन अजमेर निवासी अशोक मलिक और द्रुपद मलिक ने एक याचिका NGT में दायर करते हुए आरोप लगाया था कि रिवर फ्रंट का कंस्ट्रक्शन घड़ियाल अभ्यारण इलाके में हुआ है.साथ ही नदी के किनारों पर कॉमर्शियल एक्टिविटी की जा रही है.जो पूर्णतः अवैध है और इसके लिए कोटा UIT द्वारा कोई परमिशन नहीं ली गई है. ना ही पर्यावरण स्वीकृति हांसिल की गई है.


याचिकाकर्ता का आरोप है कि ये पुर्णतः वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट का उल्लंघन है. वहीं इस मामले को लेकर भाजपा के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने भी पत्रकार वार्ता कर आरोप लगाया था कि रिवर फ्रंट पर किया गया निर्माण गैर कानूनी है. अब सबकी निगाहें NGT द्वारा गठित की गई टीम की निरीक्षण रिपोर्ट पर टिकी है.


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