Rajasthan Elections: चुनावी रण में पति-पत्नी आमने-सामने,वीरेंद्र और रीटा के बीच मुकाबला, क्या होंगे परिणाम?
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Rajasthan Elections: चुनावी रण में पति-पत्नी आमने-सामने,वीरेंद्र और रीटा के बीच मुकाबला, क्या होंगे परिणाम?

Rajasthan Elections: राजस्थान चुनाव में कई तरह की खबरे आ रही हैं, बता दें कि जिदंगी में साथ-साथ रहने वाले पति-पत्नी एक दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं, ये दोनों कैंडिडेट्स दातारामगढ़ विधानसभा से हैं, 

 

 दातारामगढ़ विधानसभा में पति और पत्नी के बीच चुनावी दंगल.

 Rajasthan Elections:  25 नवंबर को हो रहे राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियों ने प्रचार-प्रसार तेज कर दिया है, राजस्थान में हो रहे चुनाव में कहीं रिश्तेदार आमने-सामने हैं, तो दातारामगढ़ विधानसभा में पति और पत्नी के बीच चुनावी दंगल देखने को मिलेगा. जी हां कांग्रेस के पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह के पुत्र विधायक वीरेंद्र सिंह के सामने वीरेंद्र सिंह की पत्नी पूर्व जिला प्रमुख डॉक्टर रीटा सिंह जननायक जनता पार्टी से चुनाव मैदान में ताल ठोक दी है. जिसे लेकर सियासी हलकों में खासी चर्चा है.

  कौन किस पर भारी होता है

वीरेंद्र सिंह को भारतीय जनता पार्टी के गजानंद और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के अमराराम से चुनौती का सामना तो करना पड़ ही रहा है, उसके साथ-साथ अपनी पत्नी रीटा सिंह से भी चुनाव में मुकाबला करना पड़ेगा. अब आने वाला वक्त ही बताएगा कि कौन किस पर भारी होता है और ऊंट किस करवट बैठता है.दिलचस्प मुकाबला सीकर जिले में दातारामगढ में ही होने वाला है, दोनों के अपने अपने पार्टी के मुद्दे हैं और उन्ही को लेकर वो जनता के बीच जा रहे है.

 पानी का मुद्दा बड़ा है

जननायक जनता पार्टी प्रत्याशी रीटा सिंह ने कहा कि दातारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जननायक जनता पार्टी से में प्रत्याशि हूं और वहां से चुनाव लड़ने जा रही हूं, मैं जिन मुद्दों को लेकर वहां पर चुनाव लड़ रही हूं. विशेष कर पानी का मुद्दा है, जो बहुत बड़ा मुद्दा है. इसके साथ रोजगार का मुद्दा है, शिक्षा का मुद्दा है, किसान का मुद्दा है, और भी कई बड़े मुद्दे हैं. जिनको लेकर में चुनाव मैदान में हूं इन मुद्दों पर में काम करना चाहती हूं.

  मैंने स्वयं ने फैसला लिया कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए

मैंने जिला प्रमुख रहते हुए जो कार्य नहीं किया वह कार्य अब करना चाहती हूं, मुझे 10 सालों में दोबारा काम करने का मौका नहीं मिला और इस बार मैंने स्वयं ने फैसला लिया कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए. जनता के बीच में जाना चाहिए इसलिए मैंने फैसला करते हुए चुनाव मैदान में उतरी हूं. और मैं यही आशा करती हूं कि जनता मुझे आशीर्वाद देगी सभी को अधिकार है मतदान का फैसला सोच समझ कर लेना चाहिए .

क्योंकि मैं जनता के बीच में इतने सालों से जाती रही हूं और जो मेरे कार्य का जिला प्रमुख रहते हुए कार्यकाल में जो अधूरे कार्य है उन कार्यों को करना चाहती हूं और मेरे सामने सबसे बड़ा सवाल यह आता है कि क्योंकि मेरे परिवार में एक चुनाव हम लोग आपस में लड़ रहे हैं, 

समस्या हमारे यहां पर डार्क जोन की है

कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि मैं चुनाव मैदान में कांग्रेस से प्रथम मैंने लगभग मेरे कार्यकाल में कर दिए हैं, सबसे बड़ी समस्या हमारे यहां पर डार्क जोन की है.  बरसात नहीं होने से यह बड़ी समस्या है हमारी सरकार ने दो बजट पहले इसके लिए बजट दिया था और जो चुनाव के एजेंट में था उसके लिए सरकार ने 8000 करोड रुपए का बजट स्वीकृत किया था. उसका काम चालू है लेकिन उम्मीद करते हैं कि सरकार जो पास यह मुख्य मुद्दा हमारा आगे भी रहेगा.केंद्र में है.

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