Kota: कोटा मारपीट के आरोपी को पकड़ने पहुंची पुलिस ने आरोपी के नाबालिग भाई के साथ मारपीट की. आरोपी नहीं मिलने पर पुलिस नाबालिग भाई को उठा कर थाने लाया गया और पूछताछ के नाम पर उसके और आरोपी के भाई के साथ दर्जनभर पुलिसकर्मियों ने मारपीट की. आरोप कोटा के जवाहरगर थाने के पुलिसकर्मियों पर लगा है.


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जानिए क्या है ये पूरा मामला
कोटा जवाहर नगर इलाके के इंदिरा विहार में हुए झगड़े और चाकूबाजी के मामले में पकड़े गए. आरोपी के नाबालिग भाई का आरोप है कि जवाहरनगर थाना पुलिस ने पूछताछ के दौरान उसके साथ अभद्र व्यवहार किया और दर्जन भर पुलिसकर्मियों ने उसके और उसके भाई के साथ जमकर मारपीट की. पुलिस द्वारा मारपीट करने का ये मामला कोटा के जवाहर नगर थाने से सामने आया है.


नाबालिग कृष्णा गुर्जर ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया है कि पुलिस घर पर आई और उसके भाई के मामले में पूछताछ के लिए थाने ले आई. जहां पर पुलिस वाले उसके भाई के साथ मारपीट कर रहे थे, तो उसने रोका और कहां बड़े भाई के रोड पड़ी हुई है. जिस पर पुलिसकर्मियों ने उसके साथ भी मारपीट शुरू कर दी. नाबालिग की मां आशा गुर्जर का कहना है कि उसका बड़ा बेटा करण गुर्जर दोस्त के साथ पार्टी में गया था, वहीं कोई झगड़ा हो गया. पुलिस वाले का फोन आया था, इसके बाद घटना का पता चला.


पुलिस वालों ने उसके बेटों के साथ मारपीट की है. पूरा मामला बाल कल्याण समिति के समक्ष में पहुंचा. इस मामले में बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष हरीश गुरुभाक्षानी का कहना है कि बाल अधिकार का हनन है और इस मामले से उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जाएगा. मामले में पुलिस का कहना है कि आरोप निराधार है. नाबालिग के साथ कोई मारपीट नहीं हुई है. हालांकि पुलिस ने मामले में नाबालिग से मारपीट करने की बात से साफ इंकार किया है, लेकिन नाबालिग के शरीर और चेहरे पर आई चोट के निशान कुछ और ही बयां कर रहे हैं. सवाल यही की आखिर गहगार कौन?