NEET PG 2023: मेडिकल के पीजी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए होगा बड़ा बदलाव, देना होगा नेशनल एग्जिट टेस्ट, AIIMS कराएगा एक्जाम
NEET PG 2023: नीट पीजी परीक्षा को लेकर बड़ी खबर है, खबर ये है कि वर्ष 2023 नीट पीजी परीक्षा के लिए वर्ष 2023 आखिरी साल हो सकता है. जानें क्या इसकी बड़ी वजह?
NEET PG 2023: नीट पीजी परीक्षा को लेकर बड़ी खबर है, खबर ये है कि वर्ष 2023 नीट पीजी परीक्षा के लिए वर्ष 2023 आखिरी साल हो सकता है. सूत्रों कि मानें तो मेडिकल के पीजी पाठ्यक्रम में एडमिशन के लिए नेशनल एग्जिट टेस्ट का आयोजन किया जाएगा. इसके आधार पर ही मेडिकल एजुकेशन के लिए एडमिशन हो पाएगा. नेशनल एग्जिट टेस्ट (NExT) के रिजल्ट के आधार पर ही स्टूडेंट्स वर्ष 2024-25 बैच के लिए अलग-अलग पीजी मेडिकल कोर्सेस में अपना प्रवेश ले पाएंगे.
एनएमसी एक्ट के मुताबिक, नेशनल एग्जिट टेस्ट का आयोजन एमबीबीएस के फाइनल ईयर स्टूडेंट्स के लिए क्वालिफाईंग एग्जाम के तौर पर किया जाएगा. वहीं, यह टेस्ट मॉडर्न मेडिसिन प्रैक्टिस करने पर लाइंसेस के लिए जरूरी होगा. इसमें प्रदर्शन के आधार पर पीजी कोर्सेस में एडमिशन दिया जाएगा. नेशनल एग्जिट टेस्ट से ही विदेशों से मेडिकल डिग्री लेने वाले ग्रेजुएट्स को देश में प्रैक्टिस की परमिशन मिलेगी.
एम्स दिल्ली के हाथों में हो सकती है कमान
भारत सरकार ने सितंबर 2024 तक एनईएक्सटी आयोजित करने की समय सीमा बढ़ाने के लिए एनएमसी अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों को सितंबर में लागू किया था. कानून के अनुसार, आयोग को लागू होने के तीन साल के भीतर एक सामान्य अंतिम वर्ष की स्नातक चिकित्सा परीक्षा, एनईएक्सटी आयोजित करनी थी. अधिनियम सितंबर 2020 में लागू हुआ था. छात्रों को बता दें कि नेशनल एग्जिट टेस्ट (NExT) का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) के बजाय अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली द्वारा किया जा सकता है. हालांकि, इस संबंध में अभी भी आखिरी फैसला लिया जाना शेष है.
जानें आखिर क्या है नेक्स्ट
नेशनल एग्जिट टेस्ट (नेक्स्ट) शुरू होने के बाद एमबीबीएस छात्रों को फाइनल ईयर की परीक्षा नहीं देनी होगी. उन्हें नेक्स्ट परीक्षा में बैठना होगा. इसी टेस्ट की मेरिट के आधार पर पीजी में प्रवेश के लिए भी मेरिट बनेगी. मतलब साफ है कि फिर नीट की कोई भी आवश्यकता नहीं होगी. फिर यदि ऐसा हुआ तो नीट पीजी को खत्म कर दिया जाएगा.
इनको भी देना होगा ये एक्जाम
आपको बता दें कि जो छात्र विदेशों से मेडिकल की डिग्री लेकर आते हैं, वे छात्र भी इस दायरें में लिए जाएंगे. यानि उन्हें अभी अलग से एक टेस्ट ( FMGE - फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन ) पास करना होता है, लेकिन भविष्य में उन्हें भी नेक्स्ट में ही बैठना होगा. विदेश से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को FMGE परीक्षा की जगह भारतीय एमबीबीएस छात्रों के साथ नेक्स्ट परीक्षा देनी होगी. इस प्रकार कुल तीन परीक्षाएं नेक्स्ट में समाहित हो जाएंगी. इसलिए मेडिकल एजुकेशन से जुड़े छात्रों को होने वाले इस बदलाव के लिए तैयार रहना होगा.
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