बच्चों के पोषाहार में घोटाला उजागर, मिली लाखों रुपये की गड़बड़ी
कोटा जिले के रामगंजमंडी उपखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के लिये आ रहे पोषाहार में जमकर घोटाला देखने को मिला है.
Ramganj Mandi: कोटा जिले के रामगंजमंडी उपखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के लिये आ रहे पोषाहार में जमकर घोटाला देखने को मिला है.
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सूचना पर आगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर बच्चों के लिये आ रही पोषाहार के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि सरकार से आना वाला पोषाहार ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर कम उतरा गया है और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से पूरे तीन महीने के पोषाहार पर उनके साइन करवा लिए हैं. कहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने जब इस बारे में सवाल किया तो उनका जितना पोषाहार बनता हैं, वो उतार गये और जिन्होंने कोई सवाल नहीं किया उनके यहां मात्र दो माह का पोषाहार उतार कर तीन माह के पोषाहार पर उनके साइन करवा लिये.
ऐसे में जब आगनबाड़ियों पर पोषाहार की जानकारी ली तो पता चला कि वहां पर तो दाल, गेहूं और चावल के जो कट्टे उतारे हैं, वो कागजों के हिसाब से बहुत कम आ रहे हैं. इसमें अधिकारियों को मिलीभगत से बच्चों का पोषाहार कम पहुंचा कर अधिक पोषाहार के पैसे उठा लिए जा रहे हैं. अगर देखा जाए तो उपखंड की कही आंगनबाड़ीयों में मात्र 2 महीने का ही पोषाहार उतरा गया है और कागजो में 3 महीने का पोषाहार बता दिया है.
हमने जब उपखंड की सातलखेड़ी कस्बे की आंगनबाड़ी केंद्र का जायजा लिया तो कागजों में तो 32 दाल के कट्टे हैं, जबकि मौके पर 19 कट्टे ही मिले. वहीं चावल और गेहूं के चार-चार कट्टे आंगनबाड़ी केंद्र से गायब मिली. जब हमने उपखंड की पीपाखेड़ी केंद्रों पर भी जांच की तो पता चला कि वहां पर भी इसी प्रकार से घोटाला सामने आया है.
गलती छिपाने के लिए किए दस्तावेज गायब
जब मीडिया इस घोटाले की सूचना पर मौके पर पहुंची तो आंगनबाड़ी केंद्रों पर तो कार्यकर्ता उपस्थित मौजूद ही नहीं मिली और जब दस्तावेज देखने चाहे तो दस्तावेज भी केंद्रों से गायब मिली. ऐसे में ये सामने आया है कि अधिकारियों के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं भी इस घोटाले में मिली हुए हैं, वहीं कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यकर्ताओं द्वारा बताया गया कि पोषाहार आ चुका है तो इन्हें आज ही बटवा दें. ताकि कितना पोषाहार आया है, कितना नहीं. ये जानकारी किसी को नहीं मिली, ऐसे में बच्चों को लिए सरकार से आने वाले पोषाहार को अधिकारी ही डकार रहे हैं.
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स्टिंग ऑपरेशन में सामने आया लाखों रुपये के घोटाले का सच
आगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर पोषाहार की जांच की गई तो पता चला कि सरकार से आने वाला बच्चों के लिए पोषाहार आंगनबाड़ी केंद्रों पर नाम मात्र का ही पहुंचता है और बाकी पोषाहार रास्ते मे से ही गायब हो जाता ह. जब केंद्रों पर बच्चों के लिए आने वाला पोषाहार के कट्टे की जांच की तो पता चला कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर दाल, चावल और गेहूं के कट्टे गायब मिली. अगर ऐसे में देखा जाये तो गेहूं के अभी की कीमत 2200 के आस पास है और दाल के कट्टे की कीमत 6000 से 7000 के बीच में है. वहीं चावल की कीमत भी 5000 से 6000 के बीच में है, इस हिसाब से देखा जाये तो एक बार में अधिकारी हजारों कट्टे गायब कर देते होंगे, जिनकी कीमत लाखों में होती होंगी.