राजस्थान में लहसुन निकाल रही किसानों के आंसू, BJP ने डॉक के जरिये CM गहलोत को भेजी...
किसानों के लहसुन की सरकारी खरीद अब तक भी शुरू नहीं हो पाई है और ऐसे में किसानों के ऊपर बड़ा संकट मंडराने लगा है क्योंकि बाजार में भाव नहीं मिल रहे हैं.
Ladpura: प्रदेश में किसानों के लहसुन की सरकारी खरीद अब तक भी शुरू नहीं हो पाई है और ऐसे में किसानों के ऊपर बड़ा संकट मंडराने लगा है क्योंकि बाजार में भाव नहीं मिल रहे हैं. सरकारी खरीद शुरू नहीं हो रही और इसको लेकर के लगातार विरोध जारी है कोटा में भाजपा युवा मोर्चा की तरफ से आज विरोध स्वरूप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री कोटा के जरिए लहसुन के पैकेट डाकघर के जरिए भेजे गए. विरोध जताते हुए कहा जल्द खरीद शुरू नहीं हुई. खरीद तो राजफेड कार्यालय पर लहसुन बेचने किसान पहुंचेंगे.
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पूर्व भाजपा किसान मोर्चा और भाजयुमो जिला अध्यक्ष गिरिराज गौतम के नेतृत्व में हाड़ौती क्षेत्र के किसान प्रतिनिधि मंडल ने प्रधान डाकघर से मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री को हाडोती का लहसुन स्पीड पोस्ट से भेज कर विरोध दर्ज कराया. जल्द खरीद शुरू करने की मांग की गिर्राज गौतम ने कहा कि राजस्थान सरकार लगातार हाडोती के किसानों के साथ धोखा कर रही है.
किसानों ने बड़ी उम्मीद के साथ इस बार लहसुन की फसल पैदा की थी उन्हें उम्मीद थी कि अगर बाजार में भाव ऊपर नीचे रहे तो पूर्ववर्ती सरकार की तरह इस बार भी बाजार हस्तक्षेप योजना के अंतर्गत उन्हें अपनी फसल का उचित दाम मिलेगा, लेकिन सरकार की उदासीनता और प्रशासनिक लापरवाही के कारण हाडोती का किसान अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है.
केंद्र सरकार की स्वीकृति और राजस्थान सरकार की घोषणा के बाद भी अभी तक हाडोती के किसानों का लहसुन खरीदने की कोई व्यवस्था नहीं की गई. कई किसानों ने तो आर्थिक मजबूरी के कारण सस्ते दामों पर अपने उत्पादन को बेच दिया. साथ ही कई किसानों ने तो इतने कम दाम होने के कारण लहसुन को सड़क पर ही फेंकना उचित समझा, मंडी पर लाने में भाड़ा भी नहीं निकल पा रहा ऐसी स्थिति में जिन किसानों ने बड़ी मेहनत से अपने लहसुन को बचा कर रखा था, अब उनकी भी हिम्मत जवाब दे रही है.
क्योंकि बारिश के कारण लहसुन खराब होने की स्थिति में है कोटा बूंदी के किसानों के पास 30% ही लहसुन बचा है उसे भी सरकार नहीं खरीद रही, जबकि करोड़ों अरबों रुपए की बर्बादी सरकार अनावश्यक सौंदर्य करण पर खर्च कर रही है. किसानों के प्रति ऐसी उदासीनता से क्षेत्रीय किसानों में सरकार के प्रति काफी आक्रोश है.
Reporter: Himanshu Mittal