कोटा: जिला अस्पताल के सामने फुटपाथ पर सो रहे परिवार के लोगों को तेज रफ्तार कार ने रौंद दिया.इसमें एक शख्स और एक बच्चे की मौत हो गई तो कुछ अस्पताल में जिन्दगी-मौत की जंग लड़ रहे हैं, कोटा में हिट एंड रन के इस केस में पुलिस ने तेजी दिखाते हुए रसूखदार हत्यारे को धर दबोचा.  इस बीच रविवार को प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल मदद राशि के साथ जमीन-पेंशन जैसी योजनाओं का तोहफा लेकर पिड़ित परिवार के पास पहुंचे तो कोटा का ये मोग्या परिवार दुख के इस हाल में भी खुशी के मारे रो पड़ा.


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कोटा शहर की सड़कों पर 14-15 अप्रैल की रात ये एसयूवी कार एक मजदूर परिवार के लिए यमदूत साबित हुई. सब्जी का ठेला लगाने वाले मजदूर दिनेश अपने 6 बच्चों के परिवार समेत एमबीएस अस्पताल के सामने सोते हुये इस बेकाबू कार से कुचला गया 6 साल के मृतक के बेटे के अलावा दिनेश की पत्नी भी कार से कुचली गयी, जिनकी हालत अभी भी गंभीर है. 


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मंत्री ने सरकारी योजनाओं का दिया लाभ


परिवार के एकमात्र कमाने वाले मजदूर मुखिया 45 वर्षीय दिनेश की मौत के बाद विधवा और उसके आधा दर्जन बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया, लेकिन कोटा प्रवास पर आये यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल गृहनगर कोटा के इस हिट एंड रन केस से विचलित और चिंतित हो गए.मंत्री धारीवाल मजदूर परिवार के घायलों को देखने के लिए अस्पताल पहुंचे और 1 लाख की सरकारी मदद सौंपते हुए मुफ्त भूखंड-पालनहार योजना-विधवा पेंशन-इंदिरा रसोई से मुफ्त भोजन समेत कई सरकारी योजनाओं के फायदों से इस परिवार को मदद का ऐलान किया.


प्रशासन ने सख्ती दिखाई


धारीवाल ने राज की तरफ से इस मजदूर परिवार के घावों पर मरहम लगाने का प्रयास किया तो उधर शहर के पुलिस कप्तान केसरसिंह शेखावत भी मजदूर परिवार को कार से कुचले जाने के इस प्रकरण को लेकर खासे खफा और सक्रिय दिख रहे हैं. ये कोटा में अपनी तरह का इकलौता ऐसा मामला होगा,जिसमें लीपापोती की सारी संभावनाओं को खारिज कराते हुए खुद सिटी एसपी ने इस केस के बाद नयापुरा थाने में कैंप करके हत्यारे चालक की तुरंत धरपकड़ कराया बल्कि मामले में गैर इरादतन हत्या की धाराएं जोड़कर कुचलकर भागने की करतूत करने वाले शिमला बेकरी के मालिक महेन्द्र अरोड़ा को कड़ी सजा दिलाने का भी कानूनी इन्तजाम बखूबी किया. उधर कोटा संभागीय आयुक्त ने कहा हैं कि पीड़ित मजदूर परिवार की हरसंभव मदद को प्रशासन आगे भी प्रस्तुत रहेगा.


आज भी कई बेघर लोग सड़क किनारे सोने को मजबूर


हालांकि, कोटा पुलिस ने हिट एंड रन के इस केस में सख्ती दिखाकर देर रात को शहर की सड़कों पर लापरवाह तफरी करने वालों को कड़ा संदेश दिया हैं तो राज ने भी मजदूर-किसान कल्याण प्राथमिकता वाला भाव पीड़ित परिवार की सुध लेकर कोटा में दिखाने का प्रयास किया हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये भी हैं कि शहर की व्यस्त सड़कों पर फुटपाथों पर सोने वाले बेघरों और मजदूरों की भारी भीड़ की समस्या का क्या ? आखिर अब फुर्ती और संवेदनशीलता दिखा रहे प्रशासन और सिस्टम का फेल्योर भी इस तरह के हादसों का एक सबक हैं.