Kota News: कोटा में सेन्ट्रल जेल कैदीयों के लिए एक अनोखी पहल शुरु की गई है.यहां एक पैट्रोल पम्प है जिसे चला रहे हैं केन्द्रीय कारागार कोटा के कैदी. आपको बता दें की पैट्रोल पम्प काम करने कैदियों में अधिकतर धारा-302 के कैदी हैं यानि हत्या के इल्जाम में सजा काट रहे कैदी शामिल हैं.फिलहाल यहां एक शिफ्ट में करीब 15 कैदियों को इस पम्प से आय के साथ रोजगार भी मिलने की राह प्रशस्त हो गयी हैं.जल्द ही यहां दूसरा नोजल भी शुरु होगा और साथ में सीएनजी स्टेशन भी इसी पंप पर स्थापित किये जाने की योजना हैं.


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करीब 8 साल से जेल में बंद एनडीपीएस मामलात के तालेडा,बूंदी निवासी कैदी सुनील पांचाल को ही नहीं बल्कि खुली जेल के कोटा के करीब 3 दर्जन कैदियों को भी जेल परिसर के बगल में ही जन्नत का एहसास इस खास पम्प पर आकर हो हो रहा हैं, क्योंकि जेल की ऊंची दीवारों में उदास और मायूस जिन्दगी को खुली आबोहवा नसीब हो रही है. कोटा सेन्ट्रल जेल के ठीक बगल में नये साल के साथ ही एक नया पैट्रोल पंप स्थापित किया गया हैं और इस पम्प के संचालक कोटा जेल के कैदी हैं. हत्या के जुर्म सजा काट रहे कैदी कह रहे हैं कि सुधरने का एक मौका मिल गया हैं,अब पीछे मुडकर नहीं देखेंगे और इस पम्प को कामयाब करके नये जीवन की नयी राह पर चलेंगे.


आपको बता दें की फिलहाल यहां 6 नोजल चलाये जाने हैं, जिन्हें जल्द ही बढाकर 8 तक किया जाना प्रस्तावित हैं और 3 महिने बाद यहां सीएनजी आउटलेट भी लग जायेगा. जेल अधीक्षक परमजीत सिंह के अनुसार फिलहाल पम्पकर्मी बने प्रति कैदी को प्रतिदिन 300 रुपये का मेहनताना दिया जा रहा है.


फिलहाल इस पैट्रोलपंप पर 14-15 कैदी काम कर रहे हैं लेकिन राउंड द क्लॉक संचालन के साथ आने वाले दिनों में शिफ्ट बढाये जाने के बाद यहां 24 घंटे पैट्रोल-डीजल मिलेगा और पम्प पर तैनात कैदियों की तादाद भी 30 से 35 कैदियों तक हो जायेगी.


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