Baran: राजस्थान के बारां (Baran News) जिले के अंता में कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra) में एक ऐसी लौकी की किस्म तैयार की गई है जो अकेली एक लौकी 50 लोगों का पेट भर दें. कुपोषण को खत्म करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से कृषि विज्ञान केंद्रों में पोषण वाटिका बनाई जा रही है.


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बारां जिले के अंता कृषि विज्ञान केंद्र में भी एक अनोखी लौकी की किस्म तैयार की गई है. इस लौकी का बीज अयोध्या के नरेंद्र देव कृषि विज्ञान केंद्र (Narendra Dev Krishi Vigyan Kendra) से लाया गया. जहां उसमें बदलाव कर उसे राजस्थान (Rajasthan News) के वातानुकूलन के अनुसार ढाला गया है. इस लौकी की ऊंचाई 120 सेंटीमीटर से 150 सेंटीमीटर तक दर्ज की गई है और एक लौकी का वजन 5 से 7 किलो तक निकला गया है. अंता के कृषि विज्ञान केंद्र में पहली बार प्रयोग के तौर पर इस लौकी को तैयार किया गया है.


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इस पौधे को तैयार करने वाले वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. डीके सिंह (Dr. DK Singh) का कहना है कि यह लौकी बाजार में आ रही सामान्य लौकी से अधिक पौष्टिक और खाने में स्वादिष्ट है. इसका बीज नरम होता है और गुदा हल्का मीठा. ऐसे में अगर यह लौकी बाजार में आ जाती है तो वह लोगों को अधिक पोषण के साथ-साथ किसानों को भी बेहतर आर्थिक लाभ मिल सकेगा.


इस लौकी को लगाने का तरीका भी वर्टिकल है जिससे खेत के ऊपर ढांचा तैयार कर लौकी लगाई जा सकती है और खेत में जमीन पर अन्य फसल ली जा सकती है. जिसके चलते एक ही जमीन पर किसानों को दोगुना लाभ होगा. इस लौकी की किस्म देखकर इसके तैयार होने वाले बीजों की बुकिंग भी एडवांस हो चुकी है. फिलहाल इस बीज को देश के अन्य पोषण वाटिका में भेजा जाएगा. उसके बाद इसे किसानों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.