Rajasthan Lok Sabha chunav Result 2024: लोकसभा चुनाव के नतीजे कल (4 जून, मंगलवार) सभी के सामने होंगे. बीजेपी-कांग्रेस के अलावा अन्य दल भी लोकसभा में जीत को लेकर दावा कर रहे हैं. Exit Poll की माने तो देश में बीजेपी की सरकार बन रही है....लेकिन राजस्थान की 25 सीटों की बात करें तो सावल ये है कि क्या बीजेपी इस बार भी क्लिन स्वीप दे पाएगी....क्या बीजेपी जीत की हैट्रिक लगा पाएगी...सवाल ये भी है कि क्या कांग्रेस का खता खुल सकेगा या नहीं...खैर इन सवालों के जवाब तो कल रिजल्ट वाले दिन साफ हो जाएंगे...आपको बताते हैं राजस्थान की वो 3 सीटें जिस पर पेंच फंस सकता है!


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सियासी गलियारों में नागौर, बाड़मेर, और चूरू सीटों को लेकर चर्चा है कि इन सीटों पर बीजेपी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ सकता है.


नागौर लोकसभा सीट 


चर्चा है कि नागौर सीट पर इस बार बीजेपी को कड़ी चुनौती मिल सकती है. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार बीजेपी ने गठबंधन का निर्णय नहीं लेते हुए ज्योति मिर्धा को उम्मीदवार बनाया.नागौर जाट बहुल सीट है. यहां से आरएलपी (Rashtriya Loktantrik Party )के मौजूदा सांसद हनुमान बेनीवाल सबसे बड़े नेता हैं. ऐसे में बीजेपी को इस सीट पर हार का मुंह देखना पड़ सकता है.


चूरू लोकसभा सीट


बीजेपी ने चूरू सीट से मौजूदा सांसद राहुल कस्वां का टिकट काटा जिसके बाद कांग्रेस में वह शामिल हो गए. कांग्रेस ने इस बार चूरू से राहुल कस्वां को प्रत्याशी बनाया है. वहीं बीजेपी ने पैरा ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट देवेंद्र झाझड़िया को टिकट दिया हैं. चूरू सीट पर कांग्रेस बीजेपी को कड़ी चुनौती दे सकती है.


लगातार दो बार सांसद रहे राहुल कस्वां को इस बार बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया है.कस्वां परिवार की तीसरी पीढ़ी के राहुल कस्वां चूरू लोकसभा क्षेत्र से सांसद वर्तमान में हैं.वह 2014 और वर्ष 2019 में लगातार दो बार चुनाव जीते. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राहुल कस्वां का टिकट काटने पर बीजेपी को नुकसान हो सकता है.


बाड़मेर में त्रिकोणिय मुकाबला


बाड़मेर लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है. इसी सीट पर भाजपा के केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल और निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी भी मैदान में हैं. जानकारों का मानना है, कि अगर भाटी राजपूत वोटों क अपनी ओर खींचने में कामयाब रहते हैं, तो इस सीट पर भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.


अगर बाड़मेर सीट के सियासी समीकरण की बात की जाए, तो इस सीट पर पिछले दो लोक सभा चुनावों में बीजेपी का कब्जा रहा है. साल 2019 में बीजेपी नेता कैलाश चौधरी ने 8,46,526 वोट पाए थे. उन्होंने 22.7% वोट मार्जिन से जीत दर्ज की थी. बता दें, कि इस चुनाव में कैलाश चौधरी ने मानवेंद्र सिंह को 323808 मतों से मात दी थी. 2019 के चुनाव में मानवेंद्र सिंह को को 522718 वोट मिले थे. इससे पहले ये सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. इस लोकसभा सीट पर यदि 1977 और 1989 के चुनावों को छोड़ दिया जाए तो यहां 1967 से 99 तक लगातार कांग्रेस को जीत मिलती रही है. वहीं, बीजेपी पहली बार यहां साल 2004 में जीती और धीरे धीरे कांग्रेस को पीछे धकेलती चली गई. लेकिन चर्चा है कि इस बार निर्दलीय उम्मीदवार समीकरण बिगाड़ सकते हैं.