Big Breaking: राजस्थान में कांग्रेस नहीं करेंगी गठबंधन, बेनीवाल और भाटी की लोकसभा चुनाव को लेकर अब क्या होगी रणनीति?
Lok Sabha Election 2024: सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस की CEC की बैठक के बाद राजस्थान को लेकर दिलचस्प मोड़ सामने आया है. जिसको लेकर अबतक मरूधरा में लग रहे सारे कयासों पर पानी फिर गया है.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस की cec की बैठक से बड़ी खबर सामने आई है. मेराथन बैठक के बाद सामने आया है कि कांगेस पार्टी राजस्थान में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगी. जिसके बाद से रा लोपा और बाप से गठबंधन के सारे कयास खारिज हो गए है.
बता दें कि सोमवार को दिल्ली में हुई कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समीति हुई है. जिसमें 16 प्रदेश की 16 सीटों को लेकर मंथन हुआ है. जिसके साथ ही सामने आ रहा है कि कांग्रेस 16 में 14 सीटों पर प्रत्याशियों की भी घोषणा कर सकती है. इसी के साथ सामने यह भी आया है कि पार्टी वरिष्ठ नेताओं को भी मरूधरा के रण में उतार सकती है.
मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बताया कि, मंगलवार को कांग्रेस एक प्रेस वार्ता जनरल सेक्रेट्ररी के सी वेणुगोपाल करेंगे. बातचीत में रंधावा ने बताया कि बैठक में केवल उन सीटों पर विचार किया गया है जिनपर गठबंधन की तलवार नहीं थी. जिनपर गठबंधन की तलवार है उनपर अभी विचार विमर्श होना है.
बता दें कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी नागौर और बाड़मेर सीट चाहते है. कांग्रेस नागौर सीट देने को तैयार है, लेकिन बाड़मेर सीट पर अब तक बात नहीं बन पाई है. गौरतलब है कि नागौर से हनुमान बेनीवाल के चुनाव लड़ने पर कोई संशय नहीं है लेकिन बाड़मेर की सीट पर पेंच फंसा हुआ है. कांग्रेस के जाट नेता पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा, दिव्या मदरेना और हरीश चौधरी समते इन तीनों दिग्गज नेताओं को यह सीटें रालोप को देने में आपत्ति है. जिसपर कांग्रेस के ये इन दिग्गज नेताओं का तर्क है कि तीन विधायकों वाली बाप के साथ एक सीट को लेकर गठबंधन किया गया है लेकिन एक विधायक वाली पार्टी के साथ 2 सीट का गठबंधन क्यों? इस मामले में प्रदेश के दोनों बड़े नेताओ का रुख भी एक समान है. जिसके बाद अब देखना यह होगा की 11 मार्च को आखिर हनुमान बेनीवाल और कांग्रेस के सी वेणुगोपाल के बीच होने वाली मीटिंग से क्या जोड़ तोड़ निकलेगा.
बता दें कि कांग्रेस की cec की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई. जिसमें सोनिया गांधी, प्रदेश प्रभारी रंधावा, गोविंद डोटासरा, सचिन पायलट, टीकाराम जूली, तीनों सहप्रभारी अमृता धवन, काजी निजामुद्दीन, विरेंद्र राठौड़ मौजूद रहें.