Rajasthan Lok sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव के लिए शहर से ग्रामीण क्षेत्रों तक घर-आंगन में मतदान केंद्र बनेंगे. पहले चरण में 36 हजार से ज्यादा 85 प्लस उम्र के बुजुर्ग मतदाता और और दिव्यांग मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग अपने घर-आंगन में बने पोलिंग बूथ पर ही करेंगे.


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होम वोटिंग व्यवस्था के लिए निर्वाचन विभाग और जिला निर्वाचन की ओर से सभी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है. इंतजार है सिर्फ अब मतदाताओं की चौखट पर पहुंचने का. कल से होम वोटिंग के लिए गठित मतदान दल मतदान सामग्री से लैस होकर मतदाता की चौखट पर पहुंचेगा मतदान केंद्र बनाएगा और फिर मतदाता घर-आंगन में ही बैठकर अपना मतदान कर इस लोकतंत्र में भागीदारी निभाएगा.


मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ ही लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. प्रदेश में कल से 12 संसदीय सीटों पर मतदान (होम वोटिंग) शुरू हो जाएगी. हालांकि कल से शुरू होने वाली मतदान की प्रकिया में 85 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग पहले चरण के लिए घर बैठे मतदान कर 114 प्रत्याशियों के भाग्य पर मुहर लगाएंगे.


बुजुर्ग और दिव्यांगों को किसी भी परेशानी से बचाने और उन्हें लोकतंत्र के मेले में शामिल होने के लिए विशेष व्यवस्था की है. सामान्य मतदाता को 19 अप्रैल को मतदान केंद्र पर पहुंचकर मतदान करना होगा.


मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया की राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए वोटिंग 19 अप्रैल को सुबह सात से शाम 6 बजे तक होगी, लेकिन होम वोटिंग की प्रक्रिया कल यानी 5 अप्रैल से शुरू हो जाएगी जो की 13 अप्रैल तक चलेगी. जिसमें पहले चरण में जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण समेत पहले चरण की 12 सीटों पर इस बार 36 हजार 558 बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता घर बैठे ही मतदान करेंगे.


इनमें 27 हजार 443 वरिष्ठ नागरिक और 9 हजार 115 दिव्यांग मतदाता हैं. सर्वाधिक 4 हजार 909 पंजीकरण सीकर लोकसभा सीट पर हुए है और सबसे कम नागौर लोकसभा में में 1558 पंजीकृत हैं. इन मतदाताओं ने निर्वाचन आयोग को 12-D आवेदन पत्र देकर होम वोटिंग करने का विकल्प चुना था.


निर्वाचन विभाग से जारी शेड्यूल के मुताबिक 12 सीटों पर मतदान दल 5 अप्रैल से 13 अप्रैल तक वोटिंग के लिए घर-घर जाएंगे. अगर पहले राउण्ड में वोटर नहीं मिलता है तो टीम 15 और 16 अप्रैल को दोबारा एक राउंड और वोटर्स के घर पर लगाएगी.


यदि दोनों राउंड में मतदाता नहीं मिलता है तो वह मतदान केंद्र पर भी जाकर मतदान नहीं कर सकेगा या यूं कहें की ऐसे मतदाता को मतदान से वंचित रहना पड सकता है.


मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया की पोलिंग पार्टी अपने अपने रूट के अनुसार मतदाताओं के घर के लिए रवाना होंगी. वहां पहुंचकर हाथों-हाथ बूथ बनाएगी.


घोषणा पत्र (13-ए) लेकर वोटर को बैलेट पेपर दिया जाएगा. उन्हें वोटिंग का तरीका समझाकर मतदान कराया जाएगा. इस बैलेट पेपर को फोल्ड कर मतदाता से ही 13 बी लिफाफे में रखवाया जाएगा, फिर घोषणा पत्र और बैलेट लिफाफे को 13 सी लिफाफे में रखकर सील किया और वोटर से ही पेटी में डलवाकर टीम दूसरी जगह को रवाना होगी. पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होगी.


जयपुर जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित ने बताया की जयपुर शहर लोकसभा क्षेत्र और जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में 85 वर्ष से अधिक आयुवर्ग और 40 फीसदी से अधिक दिव्यांग 7 हजार 601 मतदाता घर से मतदान करेंगे. जयपुर शहर में 104 पोलिंग पार्टियां और जयपुर ग्रामीण ससंदीय सीट के लिए 92 मतदान दल अलग अलग जगहों से तय रूट के अनुसार मतदाताओं के घर पहुंचेगे.


पोलिंग पार्टियों को मतदाताओं के घर ले जाने की जिम्मेदारी संबंधित बीएलओ की रहेगी. ये सभी पोलिंग पार्टियां 5 से 13 अप्रैल तक पंजीकृत मतदाताओं के घर पहुंचकर उनके घर-आंगन में मतदान केंद्र बनाकर बैलेट पेपर के जरिये वोटिंग की प्रकिया को पूरी करवाएंगे.


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जयपुर शहर सीट पर 85 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के 3 हजार 134 मतदाताओं और 40 फीसदी से अधिक दिव्यांग 498 मतदाताओं सहित कुल 3 हजार 632 मतदाताओं ने होम वोटिंग का विकल्प चुना है. जबकि जयपुर ग्रामीण में 85 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के 3 हजार 129 मतदाताओं और 40 फीसदी से अधिक दिव्यांग 840 मतदाताओं ने विकल्प चुना है.


राजपुरोहित ने बताया की यदि कोई मतदाता पहले राउंड में अनुपस्थित रहता है तो होम वोटिंग के दूसरे राउंड के तहत 15 और 16 अप्रैल वापस टीमें भेजी जाएगी, ताकि जो मतदाता वोटिंग से वंचित रह गया हो उसे दोबारा मौका मिल सके. मतदाताओं को जो पता फॉर्म में भरा है केवल उसी पते पर मतदान कराया जा सकेगा.


टीम किसी भी अन्य जगह पर मतदान कराने नहीं जाएगी. हर टीम में एक पीआरओ, एक पीओ, एक माइक्रोआब्जर्वर, वीडियोग्राफर, पुलिस जवान, ड्राइवर शामिल रहेंगे. चुनाव सामग्री में अस्थायी मतदान केंद्र बनाने के लिए फोल्डिंग टेबल, मतदान को गुप्त रखने के लिए एक वोटिंग कंपार्टमेंट (कार्ड बोर्ड) मतदान पेटी और बैलेट पेपर रहेंगे.


घर पर मतदान के दौरान भी पूर्ण रूप से गोपनीयता बरती जाएगी.मतदान करते हुए दिव्यांग या बुजुर्ग मतदाता को कोई देखेगा नहीं, वोट पूरी तरह से गुप्त और सुरक्षित ही रहेगा.


बहरहाल, दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाता जो वोट डालने बूथों तक जाने में सक्षम नहीं हैं. उनके लिए चुनाव आयोग का नवाचार उपयोगी और महत्वपूर्ण है. होम वोटिंग की नई व्यवस्था हर दृष्टि से काबिले-तारीफ हैं.अब निःशक्त हो या सशक्त देश के प्रत्येक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र के महापर्व में अपनी अनिवार्य रूप से भागीदारी सुनिश्चित करा सकता है.