Didwana news : ZEE MEDIA राजस्थान की खबर का बड़ा असर हुआ है. डीडवाना की 70 करोड रुपए की सीवरेज परियोजना से होने वाली समस्या को लेकर जी मीडिया राजस्थान ने 9 और 11 सितंबर को स्पेशल रिपोर्ट प्रसारित की थी, इसके बाद स्वयंसेवी संगठन उत्थान ने स्थाई लोक अदालत में दायर याचिका की है, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव, डीडवाना जिला कलक्टर और नगर परिषद् डीडवाना के आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है.
डीडवाना शहर की 70 करोड़ की सीवरेज परियोजना पूरी तरह फेल हो चुकी हैं. सीवरेज परियोजना ही डीडवाना में जल भराव और गंदगी का सबसे बड़ा कारण बन चुकी है. हालत यह है कि सीवरेज, डीडवाना शहर के लोगों की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक वजह बन चुकी है. इसे लेकर ZEE MEDIA राजस्थान ने 9 और 11 सितंबर को स्पेशल रिपोर्ट प्रसारित की थी. जिसके बाद उत्थान संस्थान की ओर राजस्थान हाइकोर्ट के अधिवक्ता सरवर खान ने डीडवाना शहर के लोगों को परेशानी से निजात दिलाने के लिए जनहित याचिका दायर की है. इस पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने उच्च अधिकारियों को नोटिस जारी कर याचिका में उठाए गए मुद्दों पर अपना जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.
इस बारे में एडवोकेट सरवर खान ने कहा है कि शहर को गंदगी से मुक्त करने की जिम्मेदारी नगर परिषद की है.नगर परिषद् अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता. डीडवाना शहर के जो हालात हैं, वह नगर परिषद् की लापरवाही को दर्शाता है. जिसके कारण बारिश में कभी भी भयानक स्थिति हो सकती है। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों को जवाब पेश करने के आदेश दिए है। लोकहित में हमें जल्द ही सकारात्मक आदेश मिलने की उम्मीद है.


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यह पूरी मामला 
 डीडवाना शहर के गंदे पानी की निकासी के लिए साल 2016 में 70 करोड़ रुपए की सीवरेज परियोजना लाई गई थी. मगर नगर परिषद ने इस महत्वपूर्ण योजना को शुरू करने से पहले इसके तकनीकी पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया.नगर परिषद ने जल्दबाजी में सीवरेज लाइन तो शुरू करवा दी, लेकिन एसटीपी से निकलने वाले परिशोधित पानी का निस्तारण नहीं किया है.


नतीजा यह हुआ कि अब यही पानी बड़ी समस्या बन गया है। अब हालत यह हैं कि सीवरेज परियोजना गंदा पानी भराव की सबसे बड़ी वजह बन गई है. जल भराव से डीडवाना शहर के चारों ओर गंदे पानी की झीलें बन गई हैं, वहीं शहर की गलियों में सीवरेज का गंदा पानी बह रहा है। शहर के कई वार्ड और इलाकों के लोग गंदगी व कीचड़ के बीच नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.सीवरेज परियोजना ना केवल आमजन, बल्कि नगर परिषद के लिए भी "जी का जंजाल" बन गई है। करोड़ो रूपये खर्च किए जाने के बावजूद यह परियोजना पूरी तरह से फैल हो चुकी है.
इस समस्या से निपटने के लिए नगर परिषद ने कई योजनाएं बनाई हैं, लेकिन ये योजनाएं आज तक धरातल पर नहीं उतर पाई हैं. इसके अलावा, नगर परिषद ने सीवरेज के दूसरे फेज को भी मंजूरी दे दी है, जबकि, पहले फेज में आने वाले सीवेज पानी का ही कोई निपटारा नहीं हो सका है.ऐसे में देखना होगा कि इस जनहित याचिका पर कोर्ट क्या फैसला सुनाता है