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नागौर: जिले के डेगाना तहसील की ग्राम पंचायत गुणसली की कॉपरेटिव सोसाइटी में अल्पकालीन फसली ऋण में भारी घोटाला करने का ग्रामीणों ने आरोप लगाया है. किसानों का आरोप है कि उनके खाते से एक-एक हजार रुपये की राशि गायब हो गई है. किसानों ने कॉपरेटिव सोसाइटी के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने सोसाइटी अध्यक्ष और व्यवस्थापक पर गबन करने का आरोप लगाया है.  इसके अलावा ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि संस्था के व्यवस्थापक अपने निजी 40-50 लोगों को ही फसली ऋण दिया जा रहा है, जिसकी वजह से लोगों को बार-बार डेगाना बैंक के चक्कर लगाना पड़ रहा है.


 सोसाइटी के किसान बंशी राम जाखड़ व रमेश कुमार ने बताया कि गुणसली के व्यवस्थापक भंवर लाल जाखड़ आपसी रंजिश की वजह से भी दो सालों से अल्पकालीन फसली ऋण नहीं दिया जा रहा है. इनके साथ एकबार ऐसा भी हुआ कि किसान के कॉपरेटिव खाते में पैसे भी आ गए थे, लेकिन किसान को पैसे नहीं दिए गए, लेकिन ग्रामीणों द्वारा लगाए लाखों रुपये गबन के आरोपों को कॉपरेटिव सोसायटी के व्यस्थापक भंवरलाल ने इसे निराधार बताया है.


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किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन


किसानों का कहना है कि अल्पकालीन फसली ऋण दिए जाने में भारी भ्रष्टाचार करने का मामला सामने तब आया जब किसान कॉपरेटिव के पैसे जमा करवाने के लिए डेगाना बैंक पहुंचे तो किसान को 25000 रुपये का ऋण उठाया हुआ था, लेकिन कॉपरेटिव खाते में 25540 रुपए बताएं गए हैं. साथ ही दो वर्षों का ब्याज भी जोड़ा गया, जिसके हिसाब से 32060 रुपये किसान से जमा करवाए गए. जिस पर किसान ने डेगाना कॉपरेटिव बैंक में विरोध किया .


बैंक अधिकारियों ने बोला कि आपके खाते में बैंक 25540 रुपये ही किसान को देने की राशि जमा की गई थी।वैसे ही गंगा राम सिंवर के भी पिछले वर्ष 35500 हजार रुपए खाते में आये लेकिन किसान को 34000 रुपये दिए गए. इसके जिम्मेदार गांव की कॉपरेटिव सोसायटी संस्था के व्यवस्थापक व अध्यक्ष है. ऐसा मामला गांव के 100 से ज्यादा किसानों के साथ पैसे गबन करने का मामला सामने आया है. कॉपरेटिव सोसायटी संस्था के व्यवस्थापक पर ग्रामीणों ने सोसायटी पर नही आने के आरोप लगाए हैं.


सोसाइटी के व्यवस्थापक ने नियम के हिसाब लोन बांटने की बात कही
गुणसली कॉपरेटिव सोसायटी संस्था के व्यवस्थापक भंवरा लाल जाखड़ पर ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले 5-6 सालों से कभी भी गांव की कॉपरेटिव भवन पर आकर किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण कभी नहीं दिया गया. साथ ही अपने निजी घर पर ही फसली ऋण देने व लेने का कार्य कर रहा है. जिस पर व्यवस्थापक भवरलाल ने बताया कि सोसाइटी का भवन जर्जर स्थिति में है. पिछली सरकार में भी इस तरह की शिकायत की गई थी , लेकिन हमारे द्वारा विभाग को बार बार जर्जर भवन को मरम्मत को लेकर पत्र व्याहर के माध्यम से सूचित किया जा चुका है. भवन जर्जर होने की वजह से घर पर ही लोन वितरित किया जा रहा है.


व्यस्थापक ने ग्रामीणों के आरोपो को बताया निराधार


गुणसली कॉपरेटिव सोसायटी के व्यस्थापक भंवरलाल ने ग्रामीणों द्वारा लाखो रुपये के गबन करने के लागए गए आरोपो को निराधार बताए हुए कहा कि लागये गए सभी आरोपो के रिकॉर्ड की में खुद विभागीय जांच करवाकर सच सामने लाने की बात कही. उन्होंने ने कहा कि जांच के बाद पता चल जाएगा कि कौन झूठा है ओर कौन सच्चा है. आने वाले समय में दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा.


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Reporter- Damodar Inaniya