Merta: रियांबड़ी उपखंड सहित आसपास के ग्रामीण आंचल में महिलाओं और पुरुषों ने निर्जला एकादशी का पर्व बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया. सुबह से ही लोग दान पुण्य करते नजर आए. पंडित राधेश्याम गौड़ ने बताया कि आज के दिन एकादशी का व्रत सभी व्रतों में सबसे उत्तम व्रत निर्जला एकादशी का माना जाता है. 


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निर्जला एकादशी के दिन लोगों ने दिल खोलकर दान पूर्ण करते नजर आए. निर्जला एकादशी पर लोगों ने तरह तरह के दान पुण्य किए. मंदिर में जाकर लोगों ने ठंडे पानी के घड़े, आम, तरबूज, लिची ककड़ी, पंखा, छाता, सार्वजनिक स्थानों पर जन उपयोगी वस्तुए, खड़ाऊ, राहगीरों को ठंडा शरबत, नन्हे मुन्हे गरीब बच्चो को कपड़े, असहाय लोगों को शरीर ढकने के लिए कपड़े आदि जरूरतमंद वस्तुओं का लोगों ने दान पूर्ण किया.


वहीं निर्जला एकादशी पर्व के दिन लोगों ने घरों में लक्ष्मी नारायण की विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया. ऐसी मान्यता है कि निर्जला एकादशी पर्व के दिन भूखे को भरपेट खाना खिला कर उचित दक्षिणा, संपूर्ण वस्त्र,भोजन देकर दान पुण्य कमाया. रियांबड़ी, पादूकलां, जसनगर के शिव मंदिर, चारभुजानाथ मंदिर में महिलाओं पुरुषों को पंडित राधेश्याम गौड़ ने विधि विधान से पूजा अर्चना करवाकर कथा का श्रवण किया.


इस बार एकादशी दो होने की वजह से लोगों में थोड़ी असमन्जश की स्थिति बनी हुई है. कई स्थानों पर आज एकादशी का वृत रखा जा रहा है जबकि वैष्णव पंथ में विश्वास रखने वाले लोग उदयात तिथि के हिसाब से कल निर्जला एकादशी का व्रत करेंगे.


Reporter: Hanuman Tanwar 


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